Harish Bhatt
- 329 Posts
- 1555 Comments
खुशियाँ क्यो रूठ जाती है समझ पता मै
एक एक खुशी जोड़ कर खुशियों का आशिया
बनाता हु धीरे धीरे सरक जाती है खुशी
हथेलियों में नही रहा अब दम
जो थाम ले मेरी खुशी
अब तो वक्त का ही सहारा
जो थाम ले मेरी खुशी
आँधियों में चिराग जलने की बात सुनी है
एक तूफ़ान का इंतजार है मुझे
जो उडा लाये मेरी खुशी मेरे पास
या उडा ले जाए मुझे मेरी खुशियों के पास
Read Comments