Menu
blogid : 1655 postid : 45

कबीर के दोहे, कॉमनवेल्थ खेल के परिप्रेक्ष्य में..

हस्तक्षेप..
हस्तक्षेप..
  • 22 Posts
  • 35 Comments

साई इतना दीजिये, जितना कलमाडी खाय !
सात पुश्त भूखी ना रहे, कोई चिंता नही सताय !!

गिल कलमाडी दौऊ खडे, काके लागू पांय !
बलिहारी मै दौऊ पर, भट्टा दिया बिठाय !!

लूट सके तो लूट ले, वेल्थ खेल की लूट !
पाछे फिर पछ्तायेगा, फिर नही मिलेगी छूट !!

गिर गया तो क्या हुआ, पुल था थोडा कमजोर !
चिंता काहे की करनी, माल तो लिया बटोर !!

चाह मिटी, चिंता मिटी, मनवा बेपरवाह !
माल तो अंदर कर लिया, भरते रहो सब आह !!

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh