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कामन वेल्थ खेलो का गीत उसके भावार्थ सहित…

हस्तक्षेप..
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पेश है कामन वेल्थ खेलो का गीत उसके भावार्थ सहित..

प्रसंग : ये पद्य हमने कामन वेल्थ खेलो के गीत से लिया है.. यहां पर नेता अपनी कमाई की खुशी मे जोर जोर से गीत गा रहा है.. गीत का भावार्थ निम्न है..

भावार्थः नेता अपने साथ के ठेकेदारो को यारो कह कर सम्बोधित करता है और कह्ता है कि यारो मैने इंडिया बुला लिया.. अर्थात कि नेता ने पूरे देश से जितने भी ठेकेदार और कम्पनियां थी उनको दिल्ली बुला लिया है.. इसके आगे वो अपने द्वारा किये गये झोल झाल की प्रशंसा करते हुए कह्ते हैं कि ये खेल है और इस से बडा ही मेल है.. अर्थात इस झोल झाल मे बहुत लोग मिले हुए हैं.. और जो नही मिले उन्हे भी मिला लिया.. मिला लिया. (अतिरेक मे नेता इसे दो बार गाता है) इसके बाद वो फिर ठेकेदारो को संबोधित करते हुए कहता है कि तुम लोग रुकना नही, क्यों कि अगर केवल इतना ही खा कर रुक गये तो फिर आगे मौका ना जाने मिले ना मिले.. इसलिये अभी हारना नही .. जुनून से या फिर कानून से.. किसी से भी नही रुकना.. बस मैदान मार लो.. पैसे मार लो.. झपट्टा मार लो..

अपने दूसरे अन्तरे मे नेता कह्ता है कि अगर मै ये माल खा कर पर्वत से भी ऊपर उठ जाऊं तो फिर ये दुनिया सलामी देगी..और मेरे इरादे कहीं सर् दिल ना हो जायें इसलिये तुम सभी ठेकेदार मुझे सूरज जैसी गरमी दो.. अपनी देश की माटी देखो कैसी सजी है. तुम इसे और ज्यादा सजाने के लिये ठेके उठाओ.. कई स्टेडियम हैं, सडकें हैं, पुल हैं मगर समय बहुत कम है.. क्यों कि खेल सिर्फ अभी हैं और सारा माल यहीं समाया हुआ है.. इसिलिये मुझे आजकल लगन लगी हुई है.. (अतिरेक मे नेता इस लगन वाली लाईन को कई बार बोलता है) बीच बीच मे नेता ठेकेदारो का उत्साह बढाने के लिये अंग्रेजी मे लेट्स गो लेट्स गो भी बोलता है.. जिसे अंग्रेजी समझ्ने वाले बडे नेता समझ लेते हैं..

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