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Hindi Hasya Kavita – विज्ञापनों का मकड़जाल: हास्यकविता

Hasya Kavita
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कभी – कभी मेरे दिल मैं ख़याल आता है !
यार ये विज्ञापन हमें इतना क्यों लुभाता है !
छोटा सा विज्ञापन कुछ ऐसा चक्कर चलाता है !
की बड़े से बड़ा ज्ञानी भी इसके चक्कर मैं फंसकर,
क्षण मैं ही समझो जैसे घनचक्कर बन जाता है !
पर अगले ही पल इस पगले मन मैं विचार आता है !
की यार इन विज्ञापनों का सच्चाई से क्या नाता है ?
और जब भी ये सुविचार हमारे भोले मन मैं आता है !
तब फट से हमारा ध्यान हमारे मित्र रामदुलारे पर जाता है !
क्योंकि रामदुलारे को जो भी विज्ञापन ज्यादा रिझाता है !
अगले ही दिन रामदुलारे वो चीज अपने घर ले आता है !
और चीज इस्तेमाल के बाद खुद को ठगा सा पाता है !

ऐसे ही अमूल माचो का विज्ञापन रामदुलारे को बहुत भाया !
अगले ही दिन रामदुलारे इसकी दो चडडियां घर ले आया !
उसने सोचा चलो आज अपनी रामदुलारी को खूब हंसाएंगे !
और अमूल माचो पहन कर हम भी बड़े टोइंग हो जायेंगे !
मगर जैसे ही रामदुलारे ने अपनी सिक्स पसली बॉडी दिखाई !
रामदुलारी को हंसी नहीं रामदुलारे पर बहुत ज्यादा गुस्सा आई !
बोली अरे इतनी सर्दी मैं अपने पसलियाँ मुझे क्यों गिनवा रहे हो !
बिलकुल चड्ढी पहनके फूल खिला है के मोगली नजर आ रहे हो !
उफ़ विज्ञापन मैं जिस चड्ढी को पहन बन्दर भी टोइंग हो जाता है !
उसी चड्ढी को पहन हमारा रामदुलारे रामदुलारी की डांट खाता है !
तब सोचता हूँ मैं क्या इस विज्ञापन का हकीकत से कोई नाता है ?
रामदुलारी की डांट खा रामदुलारे ने अमूल का टोइंग उतार फेंका !
और पूरे एक महीने तक टीवी पर कोई भी विज्ञापन नहीं देखा !

मगर एक दिन फिर उसे हिमानी नवरत्न तेल ने जाल मैं फंसाया !
और हमारा गंजा मित्र गंजापन दूर करने की एक शीशी ले आया !
बोला अपने वीरान बंजर टकले पर बालों की फसल उगाऊंगा !
अभी सब राकेश रोशन कहते हैं, फिर ऋतिक रोशन कहलाऊंगा !
रामदुलारे ने अपने टकले पर खूब मल मल के वेह तेल लगाया !
मगर बालों की फसल तो दूर हलकी सी घास भी नहीं उगा पाया !
और करवाचौथ के दिन जब रामदुलारे अपनी छत पर घूम रहा था !
बहीं दूसरी छत पर एक शराबी भी नशे मैं मस्त हो झूम रहा था !
तभी उस शराबी ने रामदुलारे के टकले पर टार्च की रोशनी मारी !
जिससे चकमा खा गई मोहल्ले की चाँद ढूंढती हर पतिव्रता नारी !
क्योंकि रामदुलारे का टकला जैसे ही टार्च की रोशनी मैं आया !
पूरे मोहल्ले मैं शोर मच गया पूजा कर लो चाँद निकल आया !
अब बताइए जिस तेल को लगाकर मॉडल पल मैं बाल बढाता है !
मगर हमारा रामदुलारे फिर भी करवा चौथ का चाँद नजर आता है !
तब सोचता हूँ मैं क्या इस विज्ञापन का हकीकत से कोई नाता है ?
फेयर लवली कहती है दो हफ़्तों मैं अपना रंग गोरा बनाइये !
मैं कहता हूँ २ साल दिए रजनीकांत को गोरा करके दिखाइए !
सोना बेल्ट लाइए १५ दिन मैं अपना वजन ३० किलो तक घटाइए !
पहले तारक मेहता के डॉक्टर हाथी को पोपटलाल बनाकर दिखाइए !
विज्ञापन कहता है एक्स इफेक्ट लगाइए चाहे जिसे पटाइये !
मैं कहता हूँ इसका जादू कभी रामदेव बाबा पर भी चलाइए !
बच्चन से लेकर तेंदुलकर तक सभी टीवी विज्ञापन मैं आते हैं !
कुछ बच्चों को चॉकलेट तो कुछ युवाओं को पेप्सी पिलवाते हैं !
और खुद १ मिनट के विज्ञापन से करोड़ों की दौलत कमाते हैं !
कम्पनी वाले इनसे अपना घटिया माल बढ़िया दाम मैं बिकवाते हैं !
और कुछ विज्ञापन तो अब इतने अश्लील आते हैं !
जिन्हें सभ्य परिवार साथ मैं देखने से भी शर्माते हैं !
चूँकि बच्चों मैं शर्म अब बची नहीं बड़े ही अपनी नजरें बचाते हैं !
कभी विज्ञापन पर बच्चों के सवाल पर उठकर बाहर चले जाते हैं !
फिर भी ये विज्ञापन आम आदमी को इतना क्यों लुभाते हैं !
जिसे देखकर बड़े – बड़े, बुद्धिजीवी भी घनचक्कर बन जाते हैं !
घनचक्कर बन जाते हैं…………………… घनचक्कर बन जाते हैं !


साभार: ऑलराउंडर जी

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