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emotional kavita in hindi
“गम का फ़साना किसको सुनाएँ
टूटा हुआ दिल किसको दिखाएँ ”
यह उस समय का प्रचलित गीत
कॉलेज की इक प्रशिक्षण क्लास में
हमने मजे से कोरस में गाया था
जब कुछ चिपकाने के लिए “गम”
जिसकी वहां बहुत जरूरत थी
नहीं मिल पा रहा था
अपने ग़मों की बात भी कुछ अजब है
न चाहते हुए भी ये गम
गम की तरह दिल से चिपक जाते हैं
शायद इसीलिये इन्हें गम कहते हैं
और जब उन्हें रोकर आसुओं से भिगोया जाता है
तो वो धुल जाते हैं, चिपकना छोड़ आंसुओं संग बह जाते हैं ….
गम में आंसू बहना इसी कारण अच्छा समझते हैं
ये आंसू दवादारू का काम निभाते हैं
ऐसा सब कहते भी हैं ….
emotional kavita in hindi
पर मुझमे कुछ गम ऐसे हैं
इतने भिगोये फिर भी चिपके ही पड़े हैं,
ये कैसे गम हैं जो आंसुओं से नहीं धुलते …. ?
लगता है ये ऐसे वैसे नहीं,
बहुत सख्त गम हैं,
शायद “फेविकॉल” आदि से चिपकाए गए हैं …..
ऐसे चिपके गम
इन पर कोई कविता गीत लिखने गाने पर ही
कुछ कम हुए से लगते हैं ..
अलग सा आनंद देते हैं
क्या ऐसा ही आपका अनुभव नहीं है …..…..
“विश्वनंद “
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