Hasya Kavita
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दोरागा जी को ना जानें क्या हुआ कुछ समझ नहीं पाए हैं शायद. किसने चोरी की, किसकी चोरी हुई, भई लगता है दरोगा जी को बादाम खिलाना पड़ेगा ताकि उनका दिमाग तेज हो. आइये एक हास्य कविता से दरोगा जी की परेशानियों को समझें.
हाए हाए!
दरोगा जी
कुछ समझ नहीं पाए!
आश्चर्य में जकड़े गए,
जब सिपाही ने
उन्हें बताया—
रामस्वरूप ने चोरी की
फलस्वरूप पकड़े गए।
ये क्या रगड़ा है?
रामस्वरूप ने चोरी की
तो भला
बिना बात फलस्वरूप को
क्यों पकड़ा है?
सिपाही
बार-बार दोहराए—
रामस्वरूप ने चोरी की
फलस्वरूप पकड़े गए।
पकड़े गए जी पकड़े गए
पकड़े गए जी पकड़े गए!
उस पर अकड़े गए।
मैं अचंभित हो गया,
लापरवाही के
अपराध में
भाषा-ज्ञानी सिपाही
निलंबित हो गया।
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