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मर्दो की चाह पास हो द्रौपदी और कुंती वाला वरदान? Hasya Kavita

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Hasya Kavita: हिन्दी हास्य कविता

आज सुबह नींद खुली तो सोचा क्यूं ना थोड़ा जागरण जंक्शन से अलग हटकर भी कुछ सर्च किया जाए. मौज मस्ती करते हुए हमें नवभारत टाइम्स की साइट पर एक ऐसी चीज मिली जो अगर मैंने आप लोगों के साथ शेयर ना की तो इसका कोई फायदा ना होगा तो चलिए आप भी देखिएं कि आजकल के आशिकों की चाह.


आजकल के सभी आशिकों को ब्रहमा जी से कुंती और द्रौपदी वाला वरदान चाहिए और ऐसा क्यूं, यह जानने के लिए नीचे वाली हास्य कविता अवश्य पढ़े:


हिन्दी हास्य कविता: Hindi Hasya Kavita

हे भगवान्!
द्रौपदी ने माँगा था वरदान,
उसे एसा पति चाहिये,
जो सत्यनिष्ठ हो,
प्रवीण धनुर्धर हो,
हाथियों सा बलवान हो,
सुन्दरता की प्रतिमूर्ति हो,
और परम वीर हो,



आप एक पुरुष में ,ये सारे गुण,
समाहित न कर सके,इसलिये
आपने द्रौपदी को ,इन गुणों वाले,
पांच अलग अलग पति दिलवा दिये



हे प्रभो,
मुझे ऐसी पत्नी चाहिये,
जो पढ़ी लिखी विदुषी हो,
धनवान की बेटी हो,
सुन्दरता की मूर्ति हो,
पाकशास्त्र में प्रवीण हो ,
और सहनशील हो,



हे दीनानाथ,
आपको यदि ये सब गुण,
एक कन्या में न मिल पायें एक साथ
तो कुछ वैसा ही करदो जैसा,
आपने द्रौपदी के साथ था किया
मुझे भी दिला सकते हो इन गुणों वाली
पांच  अलग अलग  पत्निया
या फिर हे विधाता !



सुना है कुंती को था एसा मन्त्र आता ,
जिसको पढ़ कर,
वो जिसका करती थी स्मरण
वो प्यार करने ,उसके सामने,
हाज़िर हो जाता था फ़ौरन
मुझे भी वो ही मन्त्र दिलवा दो,
ताकि मेरी जिंदगी ही बदल जाये
मन्त्र पढ़ कर,मै जिसका भी करूं स्मरण,
वो प्यार करने मेरे सामने आ जाये
फिर तो फिल्म जगत की,
सारी सुंदरियाँ होगी मेरे दायें बायें
हे भगवान!
मुझे दे दो एसा कोई भी वरदान


हास्य कवि: मदन मोहन बाहेतीघोटू


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