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Hasya Kavita: मुमताज है कि मरती नहीं

Hasya Kavita
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मुमताज मरती नहीं

कुंआरे सोचते हैं कि ताजमहल बनाना है

:

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पर मुमताज मिलती नहीं

:

:

और शादीशुदा सोचते हैं कि ताजमहल बनाना है

:

पर मुमताज मरती नहीं ।

………………..

‘कौन साला ऐसा कहता है ?’

जज : ‘तुम अपनी सीमा लाँघ रहे हो’

संता : ‘कौन साला ऐसा कहता है ?’

जज : ‘तुमने मुझे साला बोला?’

संता : ‘नहीं माई लोर्ड, मैंने पूंछा, कौन सा ला (law ) ऐसा कहता है ।’

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