Menu
blogid : 4683 postid : 685

Hasya Kavita: संभल कर बोलें पत्नी के आगे….

Hasya Kavita
Hasya Kavita
  • 272 Posts
  • 172 Comments

जनाब औरतों के सामने जरा संभल कर जुबान खोलें

एक कवि की शादी हुई …

पहली मुलाकात में दूल्हे ने अपनी साहित्यक भाषा में अपनी दुल्हन से बातचीत की शुरुआत कुछ इस तरह से की –


“प्रिय, आज से तुम ही मेरी कविता हो , अभिलाषा हो , भावना हो, कामना हो..”

दुल्हन ने यह सुनकर दूल्हे से कहा-

“मेरे लिए भी आज से तुम ही मेरे मुकेश हो, मितेश हो ,सुरेश हो, रमेश हो..”

…………………….


ऐसा लड़का तो आई.सी.यू. वॉर्ड में ही मिलेगा !!


लड़की वाले : जी हमें तो ऐसा लड़का चाहिए जो पान,

सिगरेट, दारू ना लेता हो.. सिर्फ़ उबला हुआ शुद्ध

शाकाहारी खाना खाए, और दिन रात भगवान

का नाम ले..!! .

.

.

.

.

पंडित : ऐसा लड़का तो आपको सिर्फ़ गंगा राम

हस्पताल के आई.सी.यू. वॉर्ड में ही मिलेगा !!

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh