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होली और हमारी मस्तियों को लड़कपन का टच

Hasya Kavita
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होली आने वाली है तो क्या आपकी तैयारी पूरी है. अगर नहीं तो अभी से कर लो. पिछली बार की हास्य कविता तो थोड़ी सी मुश्किल थी पर इस बार खुदा कसम बिलकुल आसान सी कविता है. याद कर लो सबके काम आएगी…


holi

होली का हंगामा है !

सबको रंग लगाना है!

कहाँ बाल्टी बढ़िया है

कहाँ रंग की पुड़िया है

कहाँ रखे हैं लाल अबीर

आया है या नहीं कबीर?

पिचकारी भर लाना है!

होली संग मनाना है!


चलो चलो कपड़े बदलो

दूध पियो गुझिया खा लो

गुब्बारों की पेटी लो

सब अपनों के गले मिलो

मौसम बड़ा सुहाना है!

रंग रंग हो जाना है! (साभार: पूर्णिमा वर्मन की रचना से)

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