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गुलाब-जामुन या झाड़ू-बेलन: Hasya kavita in Hindi

Hasya Kavita
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पत्नी भी अजीब कयामत होती है दोस्तों. जिनकी होती है वह भगवान से इससे छुटकारा मांगते हैं और जिनकी नहीं होती उनपर राहु केतु अपना प्रभाव डाल इसके चक्कर में पडवा देते हैं लेकिन सच तो यह है कि यह बला किसी को भी अपने वश में कर उससे बुरा से बुरा काम भी करवा सकती है. इस बला की सबसे बु री बात शॉपिंग होती है. शॉपिंग के लिए पत्नी नामक प्राणी कुछ भी कर और करवा सकता है.ऐसे ही एक महाशय ने जो शायद अपनी से बेहद दुखी है उन्होंने एक हास्यकविता लिखी है आप भी पढिए और बताइएं कैसी है यह हास्य कविता :


तुमने कहा,मान गया गर
तो प्यार तुम्हारा ,गुलाब-जामुन
अगर न माना तेरे कहने को
तो प्यार तुम्हारा झाड़ू-बेलन

खट-खट खट-खट
खीट पीट खीट पीट
हँस कर सहा तो सुन्दर यौवन
नज़र घुमाया,तुम्हे भुलाया
फिर प्यार तुम्हारा झाड़ू-बेल

गिफ्ट जब लाया,गुलाब लगाया
कुछ क्षण गुज़रा हँस कर जीवन
भूल गया जब तेरे जन्म दिवस को
फिर प्यार तुम्हारा झाड़ू-बेलन

खरा उतरा जब हर वादे पर
स्वर्ग सी अनुभूति तेरा छुवन
जब टूट गया कोई वादा मुझसे
फिर प्यार तुम्हारा झाड़ू-बेलन

हँस कर मिला तो हँस कर लौटा
प्रसन्न रहा फिर दिन भर ये मन
जैसे हीं कुछ कमी गिनाया
फिर प्यार तुम्हारा झाड़ू-बेलन

हर जुर्म सहा तेरे प्यार में
हँसता रहा हर समय मै बेमन
अब तो आदत है लेने की
प्यार में तेरे झाड़ू-बेलन …..

—अरशद अली—

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