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बस मुझे सरकार बनाने दो : कविता नहीं हकीकत

Hasya Kavita
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आजकल देश के पांच राज्यों में चुनाव होने को है. हर तरफ चुनावी माहौल है और ऐसे में हर प्रत्याशी और नेता क्या सपने देखता है इसका किसी कवि ने बहुत खूब वर्णन एक हास्य कविता के माध्यम से किया है.


HASYA KAVITA IN HINDIहास्य कविता के जरिए कवि ने एक ऐसे नेता की मानसिकता को रेखांकित किया है जो सरकार बनाना चाहता है और वह वोट के लिए कुछ  भी कर सकता है. वोट के लिए उसे सही और गलत में कोई फर्क भी नहेऎं करना.


हास्य कविता: मुझे सरकार बनाने दो

जो बूढ़े खूसट नेता हैं उनको गड्ढे में जाने दो

बस एक बार, बस एक बार, मुझको सरकार बनाने दो


मेरे भाषण के डंडे से

भागेगा भुत गरीबी का

मेरा वकतव्य सुने तो झगड़ा

मिटे मियाँ और बीबी का


मरियल से जनता को मीठे, वादों का जूस पिलाने दो

बस एक बार , बस एक बार , मुझको सरकार बनाने दो


जो क़त्ल किसी का कर देगा

मै उसको बरी करवा दूँगा

हर घिसीपिटी हिरोइन की


प्लास्टिक सर्जरी करवा दूँगा

हिस्ट्री और मैथ जैसे विषयों पर बैन लगाने दो

बस एक बार , बस एक बार , मुझको सरकार बनाने दो


जो बिलकुल फक्कड है उनको

राशन उधार तुलवा दूँगा

जो लोग पियक्कड है उनके

घर में ठेके खुलवा दूँगा


मै एक जनसेवक हूँ मुझो भी थोडा सा पुण्य कमाने दो

बस एक बार , बस एक बार , मुझको सरकार बनाने दो

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