Menu
blogid : 4683 postid : 692123

पत्नी ने पति से कहा, तुम रोज-रोज…

Hasya Kavita
Hasya Kavita
  • 272 Posts
  • 172 Comments

हास्यकविता के माध्यम से अपनी बात रखना सबसे बेहतर माना जाता है. हिन्दी काव्य क्षेत्र में अक्सर कवियों ने अपनी बात को रखने के लिए हास्यकविता का सहारा लिया है. काका हाथरसी हो या अशोक चक्रधर सभी ने अपनी बात को दुनिया तक पहुंचाने के लिए हास्यकविता का ही सहारा लिया.


अशोक चक्रधर की हास्यकविता

परेशान पति ने पत्नी से कहा –

एक मैं हूं जो तुम्हें निभा रहा हूँ

लेकिन अब,

पानी सर से ऊपर जा चुका है

इस लिये आत्म-हत्या करने जा रहा हूँ

पत्नी बोली – ठीक है,

लेकिन हमेशा की तरह

आज मत भूल जाना,

और लौटते समय

दो किलो आटा जरूर लेते आना

Hasya Kavita:जब अंग्रेजी बोलनी नहीं आए !!


पत्नी ने पति से कहा — तुम रोज-रोज

नदी में छलांग लगाने की कहते हो

लेकिन आज तक तुमने छलांग लगाई?

पति बोला — चेलैंज मत कर

वरना करके दिखा दूंगा,

अभी मैं तैरना सीख रहा हूँ

जिस दिन आ जाएगा

छलांग भी लगा दूंगा

पति बोला — अगर तू

इतनी ही परेशान है

तो मुझे छोड़ क्यों नहीं देती,

ये पति-पत्नी का रिश्ता

तोड़ क्यों नही देती

पत्नी बोली — इतनी जल्दी भी क्या है

मेरे साजन भोले,

पहले तेरी सारी संपत्ति

मेरे नाम तो हो ले

पत्नी ने सुबह-सुबह पति को जगाया

पति बड़बड़ाया –

दो मिनट बाद नहीं जगा सकती थी

ऐसी भी क्या जल्दी थी

कितना अच्छा सपना दिख रहा था,

राजा हरिस्चन्द्र बना मैं और मेरा परिवार

चौराहे पर बिक रह था

पत्नी बोली — फिर,

दो मिनट में वहां कौनसी तुम्हारे लिए

रोटी सिक लेती,

वह बोला — बेवकूफ,

रोटी सिकती या न सिकती

पर दो मिनट में

कम से कम तू तो बिक लेती


बड़ा भयंकर जीव है, इस जग में दामाद

आशिक ने कहा माशुका से कहा…..

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh