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Hindi Hasya Kavita – अशोक चक्रधर की हास्य कविता

Hasya Kavita
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आज के समय में कैमरा हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गया है. कैमरा के बिना आज मोबाइल लेना तो सही लगता ही नहीं है. अब कैमरे की और कितनी विशेषताएं हैं इसको जानने का सबसे बेहतरीन तरीका है अशोक चक्रधर की हास्य कविता.


अशोक चक्रधर एक बेहतरीन हास्य कवि हैं. उनके द्वारा लिखी गई हास्य कविताओं को पाठक बड़ा रस लेकर पढ़ते हैं. तो आप भी जानिए कैमरे के अनोखे इस्तेमाल.


जय जय हो कैमरा देव की: हास्य कविता


जय जय हो कैमरा देव की,

शक्ति तुम्हीं हो सत्यमेव की।

दुनिया झूठी पर तुम सच्चे,

पूजा करते हम सब बच्चे।


तुम्हें देखते ही जाने क्यों

पानी मांगें अच्छे-अच्छे।

सन्मुख आया, लेकिन पहले,

हीरो ने छ: बार शेव की।


तुम्हीं मीडिया के टायर हो,

तुम्हीं तीसरे अम्पायर हो।

पल में पोल खोलने वाले,

ईश्वर हो तुम इंक्वायर हो।


सत्य दिखाकर न्यायालय में,

कितनों की ज़िंदगी सेव की।

तुम चाहो तो वंडर कर दो,

नाली बीच समंदर कर दो,

सुंदर को बंदर सा करके,

बदसूरत को सुंदर कर दो।


अगर खींचने पर आ जाओ,

भद्द पीट दो कामदेव की।

तुमने सारी दुनिया नापी,

तुमने जी की बातें भांपीं।

अच्छे-अच्छे पहलवान की,

तुम्हरे आगे टांगें कांपीं।


मुख पर आय पसीना लेकिन

फ़ीलिंग होती कोल्ड वेव की।

फूल चढ़ाऊं खील चढ़ाऊं,

दिया जला कंदील चढ़ाऊं।


जितना चाहे उतना खींचो,

टेप चढ़ाऊं, रील चढ़ाऊं।

खुले पिटारा, हो उद्धारा

स्वीकारो अरदास स्लेव की।


जय जय हो कैमरा देव की!

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