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कंप्यूटर बनेंगे एक दूसरे के टीचर!!
अब तक आपने अपनी टीचर को ही कंप्यूटर के जरिए पढ़ाते हुए देखा होगा, लेकिन अमेरिका में साइंटिस्ट्स ने एक ऐसी तकनीक डिवेलप की है जिसके जरिए ना सिर्फ कंप्यूटर एक दूसरे को पढ़ाएंगे बल्कि उनका अंदाज बिल्कुल एक स्टूडेंट और टीचर की तरह होगा।
एक साइंटिस्ट ने बताया कि हो सकता है यह मजाक लगे लेकिन रोबॉटिक्स में यह काफी अहम रिसर्च है कि रोबॉट्स एक दूसरे को कंप्यूटर गेम्स खेलना सीखा रहे हैं। इसका मतलब अगर रोबॉट्स एक दूसरे को काम सीखा सकते हैं तो लोगों को उन्हें सीखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जैसे घर साफ करने वाले रोबॉट को भी दूसरा रोबॉट काम सिखाया जा सकता है। स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रफेसर मैथ्यू टेलर ने कहा कि रोबॉट्स काफी मूर्ख होते हैं और जिन्हें यह लगता है कि आने वाले वक्त में रोबॉट्स लोगों की जगह ले लेंगे, वह गलत सोचते हैं। उनके मुताबिक दुनिया के सबसे एडवांस रोबॉट्स भी आसानी से परेशान हो जाते हैं और जब वे परेशान होते हैं तो काम करना बंद कर देते हैं।
उन्होंने बताया कि एक रोबॉट को नई स्किल सिखाने का सबसे अच्छा तरीका है कि उनका दिमाग निकाल कर नई मशीन में लगा दिया जाए। हालांकि इसमें भी दिक्कत आती है जब हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर नए मॉडल पर काम नहीं करते। अपनी स्टडी में वैज्ञानिकों ने अपने टीचिंग एजेंट्स को टीचर की तरह प्रोग्राम करके उन्हें स्टूडेंट एजेंट्स को कुछ निर्देश देने को कहा। इसके अलावा यह भी ध्यान रखा गया कि निर्देश कब दिया जाए। अगर टीचिंग एजेंट बार-बार निर्देश देगा तो स्टूडेंट एजेंट नाराज हो जाएगा।
टेलर ने बताया कि हमने कुछ एल्गोरिदम बनाए हुए हैं जिससे हमें पता चलता है कि कब निर्देश देने से ज्यादा फर्क पड़ेगा। उनका मकसद रोबॉट्स एजेंट्स के लिए ऐसी तकनीक डिवेलप करना है जो शुरूआत में सिंपल हो लेकिन धीरे-धीरे मुश्किल होती चली जाए। इसके अलावा वह डॉग ट्रेनिंग के आइडिया के जरिए भी रोबॉट्स को सीखने का तरीका तलाश रहे हैं..!!!”-सुभाष बुड़ावन वाला,27सुभाश मार्ग,खाच्रौद[म्प]धन्यवाद!**
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