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40 बीमारियों का इलाज!-सुभाष बुड़ावन वाला.,

koi bhi ladki psand nhi aati!!!
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सब्ज़ियों को ऐसे खाएं, इस फूड टेक्नीक से हो रहा है 40 बीमारियों का इलाज
बीमारियां किसी को भी पसंद नहीं होतीं, लेकिन खराब लाइफस्टाइल और बैड फूड हैबिट्स की वजह से कई दफा बीमारियां घेर लेती हैं। लेकिन अब एक ऐसी फूड टेक्नीक आई है जिसे अपनाने से लाइफस्टाइल डिजीज ठीक हो सकती हैं। अनकुक्ड फूड और फास्टिंग के कॉम्बिनेशन से यह टेक्नीक डेवलप की है गुजरात के बालूभाई वी चौहान ने। इस टेक्नीक को भोपाल में भगवानदेव इसरानी (प्रमुख सचिव विधानसभा) ने इंट्रोड्यूस किया था, जो अब पॉपुलर होती जा रही है।
क्या है यह टेक्नीक ?
इस टेक्नीक में सुबह 5 घंटे तक खाली पेट रहना पड़ता है। उसके बाद पहली मील में कच्चे फल और सब्जी खाते हैं। दोपहर तीन बजे के आसपास बहुत ही कम मसाले वाली सब्जी के साथ चपाती खानी होती है। उसके बाद सूर्यास्त के पहले हल्का दलिया या सब्जियों का बिना छना जूस पीना होता है। इससे पेट को राहत मिलती है और बॉडी रिपेयरिंग के लिए एनर्जी सेव होती है। इसके पॉजिटिव इफेक्ट्स में इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग होता है, विजन क्लियर होता है, कॉन्सट्रेशन बढ़ता है और पूरे दिन ताजगी बनी रहती है।
यह फूड टेक्नीक हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए है। इसमें अनकुक्ड फूड और फास्टिंग का खास महत्व है। इस टेक्नीक की मदद से हेल्थ केयर तो होती ही है, साथ ही लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों से बचने में भी मदद मिलती है। कुछ बेहद खतरनाक बीमारियों के इलाज में भी यह टेक्नीक इफेक्टिव साबित हुई है। शहर में करीब 300 लोगों को फायदा हो चुका है, जबकि पूरे इंडिया में इस टेक्नीक को अपनाकर 5000 से ज्यादा लोग लाभ ले चुके हैं। अब तक इस उपचार के तीन कैंप लगाए जा चुके हैं।
1.अमरूद, संतरा और नींबू
सब्ज़ियों को ऐसे खाएं, इस फूड टेक्नीक से हो रहा है 40 बीमारियों का इलाज

इन तीनों फलों में विटामिन सी होता है, जो शरीर के लिए नेचुरल एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है। विटामिन सी की वजह से व्हाइट ब्लड सेल्स आसानी से इन्फेक्शन को दूर कर देते हैं। वहीं, अमरूद में भी पाया जाने वाला फाइबर हाई कोलेस्ट्रॉल और दिल संबंधी बीमारियों से प्रोटेक्ट करता है।

2- गाजर, लाल सीताफल और पपीता

सभी ऑरेंज, पीली और लाल रंग की सब्ज़ियों और फलों में बीटा-कैरोटिन पाया जाता है, जो इम्यून सिस्टम को प्रोटेक्ट करता है। बीटा-कैरोटिन शरीर में होने वाले किसी भी इन्फेक्शन को जल्द ठीक करता है। इसीलिए इन कलरफुल सब्ज़ियों को डाइट में शामिल करना चाहिए, ताकि इम्यून सिस्टम सही काम कर सके।

3-दही

दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स की वजह से यह डाइजेशन सिस्टम को ठीक करता है। स्टडी बताती है कि दही इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के साथ ही बॉडी को बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन से भी बचाए रखता है।
]बादाम में मौजूद विटामिन ई इम्यून सिस्टम को इन्फेक्शन से लड़ने के लिए स्ट्रॉन्ग बनाता है। वहीं, बादाम शरीर में बी-टाइप की कोशिकाओं को भी बढ़ाने का काम करता है। यह शरीर में मौजूद बैक्टीरिया को भगाने का काम करता है।

6. लहसुन

लहसुन बैक्टीरिया, वाइरल इन्फेक्शन आदि से प्रोटेक्ट करने के साथ-साथ दिल संबंधी बीमारी और ब्लड कोलेस्ट्रॉल से भी बचाता है। हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक, लहसुन कई तरीके के कैंसर से शरीर को प्रोटेक्ट करता है। रोजाना डाइट में लहसुन मिलाने से इम्यून सिस्टम भी स्मूद बना रहता है।
7. ग्रीन टी

इसमें फ्लैवोनॉइड नाम का एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो कई बीमारियों से प्रोटेक्ट करता है। इसमें मौजूद एक्‍टिव एजेंट्स जैसे केटेचीन और इजीसीजी इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाने में मदद करते हैं। वहीं, काली और हर्बल दोनों प्रकार की चाय में अमीनो एसिड पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यह रोग से लड़ने में शरीर की मदद करता है।
मेडिटेशन आयुर्वेद की एक ऐसी प्राचीन विधि है जिसे अब पूरी दुनिया में अपनाया जा रहा है। स्वस्थ जीवन और एकाग्रता बढ़ाने के लिए मेडिटेशन का इस्तेमाल किया जाता है। मेडिटेशन से आपका मन शांत रहता है और आप काफी रिलैक्स महसूस करते हैं। ये खुद पर कंट्रोल करने की शक्ति प्रदान करता है। अगर आप हर वक्त तनाव में रहते हैं तो मेडिटेशन करें। इससे आपको बहुत फायदा मिलेगा। मेडिटेशन में श्वास जागृति के साथ साथ मूविंग मेडिटेशन या योग भी शामिल होता है। मेडिटेशन की वो तकनीक अपनाएं, जो आपको अच्छे से समझ में आए। जितना आप मेडिटेशन का अभ्यास करेंगे, उतना वो आपके लिए आसान हो जाएगा।
2-प्राणायाम
प्राणायाम एक ऐसी क्रिया है जो खुली हवा में की जाती है। प्राणायाम का मतलब है अपनी सांस को नियंत्रित करने के साथ ही रेग्युलेट करना। इससे शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। प्राणायाम एक बहुत आसान क्रिया है। प्राणायाम की कपालभाति क्रिया बहुत लोकप्रिय है। इस प्राणायाम में श्वास को दोनों नासिका द्वारा पूरी शक्ति के साथ निकालते रहें। प्राणायाम से चेहरा ग्लो करने लगता है। इससे दमा, ब्लडप्रेशर, शुगर, मोटापा, कब्ज, गैस, डिप्रेशन, प्रोस्टेट एवं किडनी संबंधी सभी रोगों में बहुत ही लाभ होता है।
3-बॉडी मसाज
मसाज करने के शरीर को बहुत फायदा होता है। इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, त्वचा को कसाव मिलता है, मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है। शरीर के साथ-साथ ही मन पर भी मसाज का अच्छा प्रभाव पड़ता है। मसाज करने से तनाव दूर होता है और हल्कापन महसूस होता है। मसाज के लिए तिल का तेल या फिर नारियल का तेल ठीक होता है। मसाज करने के लिए तेल को हल्का गर्म कर लें, फिर घड़ी की सुइयों की दिशा में हल्के हाथ से मसाज करें।आपकी त्वचा डिटॉक्सीफिकेशन का सबसे बड़ा अंग है। जब त्वचा ताप के संपर्क में आती है, तो उसमें से शरीर की अशुद्धियां पसीने के रूप में निकल जाती हैं। पसीना बहने से ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है और आपके शरीर में जितनी जरूरत हो, उतना ही पानी ही बचता है। यह एक आयुर्वेदिक स्पा ट्रीटमेंट है जिसमें पूरे शरीर की तेल मसाज होती है। फिर स्टीम दिया जाता है। इससे शरीर की सारी अशुद्धियां रोमछिद्रों के माध्यम से बाहर निकल जाती हैं। इसके अलावा, आप जिम में जाकर व्यायाम कर सकते हैं।
5-दोपहर को खाएं भारी खाना

आयुर्वेद का मानना है कि जब सूर्य अपने उच्चतम बिंदु पर होता है, यानी दोपहर 12 बजे से लेकर 1 बजे के बीच, उस समय हमारी पाचन क्षमता सबसे ज्यादा होती है। हालांकि, इसका मतलब ये नहीं है कि इस समय आप जरूरत से ज्यादा खा लें। इसका मतलब ये है कि आप नाश्ते और रात के खाने में हल्का भोजन लें और दिन में उसकी तुलना में थोड़ा भारी खाना खा सकते हैं।
6-गर्म पानी और अदरक की चाय

ठंडा पानी आपकी पाचन क्रियाओं में बाधा डाल सकता है। इसकी बजाय गुनगुना या हल्का गर्म पानी पिएं। साथ में, अदरक वाली चाय। आयुर्वेद के अनुसार, अदरक की चाय पाचन क्षमता को बढ़ाती है। सुबह एक कप अदरक की चाय लें। अगर आपकी सेहत पर इसका अच्छा असर पड़ने लगे तो धीरे-धीरे दिन में दो से तीन कप तक लें।-सुभाष बुड़ावन वाला.,1,वेदव्यास,रतलाम[मप्र]*

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