बल्ब की रौशनी के जरिए 10 GB प्रति सेकंड की दर तक इंटरनेट स्पीड !सुभाष बुड़ावन वाला
koi bhi ladki psand nhi aati!!!
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इंटरनेट स्पीड के मामले में भारत अभी काफी पीछे है, लेकिन मैक्सिको में एक ऐसी नई तकनीक को इजाद किया गया है जिसकी मदद से बल्ब की रौशनी के जरिए 10 GB प्रति सेकंड की दर तक इंटरनेट स्पीड मिल सकती है। सबसे अच्छी बात ये है कि इस लाइट ट्रांसफर तकनीक को हैक नहीं किया जा सकता है। ये दावा मैक्सिको की उसी सॉफ्टवेयर कंपनी का है जिसने इस तकनीक को टेस्ट किया है।
अब LED बल्ब 10 GB प्रति सेकंड की इंटरनेट स्पीड देंगे। इस हाईस्पीड इंटरनेट टेक्नोलॉजी का नाम है लाई-फाई (Li-Fi)। यह आने वाले वक्त में वाई-फाई तकनीक की जगह लेगी। मैक्सिको की सॉफ्टवेयर कंपनी साई – सॉफ्ट (Si-soft) ने लाई-फाई के जरिए टेक्स्ट, ऑडियो और वीडियो डाटा का ट्रांसफर टेस्ट किया। इस दौरान 10 GB प्रति सेकंड तक की स्पीड से डाटा एक सिस्टम से दूसरे पर पहुंचा। सामान्य इस्तेमाल के हिसाब से देखा जाए तो यह टेक्नोलॉजी 2GB प्रति सेकंड तक की इंटरनेट स्पीड दे सकती है।
अगर ये तकनीक अपने सभी परिक्षण सफल कर लेती है तो दुनिया को इंटरनेट के नए साधन मिलेंगे। E&T मैगजीन की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल में एक स्कॉटिश रिसर्च फर्म ने कुछ-कुछ ऐसी ही तकनीक का इस्तेमाल करके 1.1 GB प्रति सेकंड की स्पीड हासिल कर ली थी।
फिलहाल मैक्सिको की इंटरनेट स्पीड 200 MB प्रति सेकंड की है। अगर ये लाई-फाई तकनीक मैक्सिको में आ जाती है तो एक पूरी HD फिल्म डाउनलोड करने में सिर्फ 45 सेकंड का समय लगेगा।
* ऐसे काम करेगी लाई-फाई-
कंपनी ने खास तरह का राउटर बनाया है। इसमें LED लैंप लगा है। राउटर से निकली इंटरनेट रेडियो तरंगे लैंप के जरिए प्रकाश तरंगों में बदल जाएंगी। वे दूसरी ओर लगे राउटर तक पहुंचेंगी और उससे जुड़े सिस्टमों को हाईस्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराएंगी।
* रौशनी भी, हाई-स्पीड इंटरनेट भी
लाई-फाई (लाइट फिडेलिटी) टेक्नोलॉजी में रेडियो तरंगों के बजाए प्रकाश तरंगों का इस्तेमाल होता है। जहां तक प्रकाश पहुंचाएंगे, वहां तक इंटरनेट भी पहुंचेगा। वो भी पलक झपकते।
* नहीं रहेगा हैकिंग का खतरा-
रेडियो तरंगें हैक हो जाती हैं, लेकिन प्रकाश तरंगों को हैक करना नामुमकिन है। इसलिए लाई-फाई से मिलने वाले इंटरनेट सिग्नल को हैक नहीं किया जा सकता है। ।-सुभाष बुड़ावन वाला18,शांतीनाथ कार्नर,खाचरौद[म्प]***
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