नववर्ष गुरुमय हो ..pk (परमात्मा कृपा)
Posted On: 31 Dec, 2014
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व्यंग , नव वर्ष गुरुमय हो ..अब यही बोला जायेगा नववर्ष के आगमन पर …| गुरु सबसे सौम्य धार्मिक उच्च सात्विक विचारों का कारक गृह होता है | गुरु यानि बृहस्पति वार का नव वर्ष के प्रथम दिन होना पूरे वर्ष को समय सात्विक बना देगा | पाप और पापिओं को निष्प्रभावी बना देना ही इसका प्रभाव होता है , जैसा की नव वर्ष के आगमन से पाहिले ही सर्वत्र गुरु लोगों का बोल बाला होता जा रहा है | अब हिंदुस्तान भी किसी अन्य धार्मिक देशों से कम नहीं है | अगर पाकिस्तान मैं इस्लाम गुरु का बोल बाला है ,सत्ता उसी को मिलती है जो इस्लाम का गुरु है | ईरान इराक अफगानिस्तान सर्वत्र ही गुरु मय हो चूका है | अब हिंदुस्तान मैं भी सत्ता उसी की रहेगी जो हिन्दू धर्म गुरु बचनो का अनुकरण करेगा | …………………….हिंदुस्तान भी प्रथम बार हिन्दू गुरुओं का आशीर्वाद पा रहा है | एक युग था जब देव गुरु बृहस्पति और राक्षस गुरु शुक्राचार्य सत्ताओं के पतन और उत्थान के कारक होते थे | चाणक्य भी सत्ता के उत्थान और पतन के गुरु बने थे | राजा महाराजा पराक्रमी होते थे किन्तु धर्म गुरु नहीं ….| इसके लिए वे राज पुरोहित को स्थापित करते थे राज कार्य उन्हीं की धार्मिक मार्ग दर्शन से ही चलता था | हर कार्य मुहूर्त से ही होता था जो गुरु ने कह दिया वही सत्य माना जाता था | उसका पालन न करने वाला दण्डित होता था | ………………………...हिंदुस्तान भी गुरु कृपा से ही हिन्दू जन जागरण से सबल हिन्दू सत्ता पा चूका है | गुरु आशाराम ने अपनी दधीची देह को कारागार मैं देकर गुरु आशीर्वाद दिया | चाणक्य से गुरु रामदेव जी ने अपनी कूटनीतिक मार्ग दर्शन दिया | स्वामी स्वरूपानंद जी जगतगुरु शंकराचार्य का मार्गदर्शन हिन्दू कैसे भूल सकते हैं जो गुरु ने कहा वही सत्य है उसी का अनुकरण करना धर्म है | सर्वोच्च स्थान पा चुके नरेंद्र से देवेन्द्र के गुरु बचनों को कोई कैसे विसरायेगा | उनका अनुकरण ही धर्म होगा | …………………………………………...एक मुस्लमान कैसे परमात्मा कृपा (p K ) पा सकता है उसका विरोध तो करना ही होगा | उसमें क्या गलत है क्या सही इससे मतलब नहीं रखना है | यह हिंदुस्तान है यहाँ हिन्दू देवी देवताओं की अच्छी या अच्छी न लगने वाली व्याख्या हिन्दू ही कर सकता है | क्या कोई हिन्दू पाकिस्तान ,अफगानिस्तान या ईरान इराक अरब देशों मैं कोई व्याख्या कर सकता है | एक मुस्लमान कैसे हिन्दू भगवानों मैं देवता बनकर पूजा जा सकता है | राहु ने तो अमृत पी लिया था इसलिए उसे पूजना मजबूरी बन गयी | भगवन विष्णु जी ने उसका सर धड़ से अलग कर दिया था अतः उसे पूज्य मानना पड़ा ,चाहे उसके क्रूर रूप से डर कर ….| ………………………………. दिग्विजय सिंह जी शायद राजनीती की a b c d .भूल कर यह कह बैठे हैं की परमात्मा कृपा ( p क ) किसी भी तरह से हिन्दू धर्म की आस्था को चोट नहीं पहुँचाती है | राजकुमार हिरानी जी तुम फिल्म निर्देशक हो सकते हो किन्तु धर्म ,राजनीती के नहीं …तुम्हारी फिल्म परमात्मा कृपा ( p k ) .तुम्हारी दृष्टी से मानवता का पाठ पढ़ाने वाली हो सकती है | महात्मा गांधी और संत कबीर के आदर्शों पर आधारित हो सकती है | किन्तु गुरु कृपा से बंचित ही रही है | गुरु की महिमा न समझ पाने के कारन ही घोर दुखों से घिरते जा रहे हो | ……………………....ढूँढ़ते रहो कमी को राजनीती आती तो समझते ..| ……………………………………………गुरु साध्वी प्राची ने तो उचित ही मार्ग दर्शन दिया कि आमिर और शाहरुख़ खान को यदि हिन्दू और हिंदुस्तान पसंद नहीं तो उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए | …………………………………………...संसद के बाहर राजनेता अपने धर्म को नहीं निभा पाते, अतः संसद के अंदर भी उनको धर्म कर्म की उचित मार्ग दृष्टि प्रदान करने कजे लिए ही गुरु जनों ने संसद मैं भी स्थान पा लिया | धर्म कर्म की व्याख्या के लिए किसी शास्त्र की आवश्यकता नहीं होती | जो गुरु बचन निकल गए वे ही सत्य हो जाते हैं | उसी पर हमारी मीडिया अपनी अपनी भाष्य व्याख्या कर म्हणता प्रदान कर देते हैं | …………………………………..………………..अब भूल जाओ किसी अन्य पापी गृह शनि ,मंगल सूर्य ,राहु केतु को जिनके पाप प्रभाव से भयभीत रहते थे | अब पूरे वर्ष धर्म धर्म के नाम से गुरु जन अपनी सुगम वाणी से तीनों लोकों मैं नारद जी की तरह विचरण करते धर्म जागृती करते रहेंगे | अब आँख बंद करके सिर्फ वही देखना सुन्ना है या करना है जो गुरु जन मार्ग दर्शन करेंगे | लोक परलोक क्यों नहीं सुधरेंगे जब कि गुरु स्वयं ईश्वर के अवतार हैं ……………………………….क्यों की कहा भी है ………………….गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः | गुरु साक्षात परम ब्रह्म तष्मैय श्री गुरुवै नमः ||………………………………..इस वर्ष गुरु यानि बृहस्पति गृह अपनी उच्च राशी यानि कर्क राशी मैं रहेगा अतः सर्वत्र गुरु बचनों का मान सम्मान ,सात्विक विचार ,धर्म कर्म होते रहेंगे | इस वर्ष राम मंदिर पर अध्या देश भी लाया जा सकता है | गुरु बचनों की अवहेलना करने वाला सत्ता भी खो सकता है | जिसके जहाँ भी किसी भी रूप मैं गुरु हों उनकी पूजा अर्चना करते लोक परलोक सुधार सकते हैं | …………………………………………………………………….लेकिन सावधान गुरु गृह जब केद्राधिपति दोषी होकर अपना प्रभाव खो देता है या अति म्हणता पा लेता है तो दुखदायी भी हो जाता है | राहु केतु भी उससे घबरा जाते हैं | …………………………………………………………....हिंदुस्तान मैं धर्म का तो अभी श्रीगणेश ही हुआ है गुरु कृपा से हिंदुस्तान, पाकिस्तान अफगानिस्तान ईरान इराक को भी पीछे छोड़ते विश्व गुरु की पदवी पा ही लेगा | …………….धर्म की जय होगी………………… अधर्म का नाश होगा ……………….प्राणियों मैं सद्भावना होगी ……………………विश्व का कल्याण होगा ………………………………………………………..ओम शांति शांति शांति
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