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…….एक और जहाँ मोदी लहर कायम है ,साथ मैं कूटनीतिक तोड़ फोड़ जैसी चाणक्य नीतियां चारों तरफ से लाई जा रही हैं , जाति विरादरी ,धर्म ,मुसलमानों के प्रति घ्रणा ,हिन्दू जाग्रति से जकड लिया जा रहा है वोटर को …| ….वहीँ दूसरी तरफ सपा दमदार तो है किन्तु अपना टर्म बिता चुकी है | भाग्य ही कुछ कर सकता है | …बा स प टूट फुट का शिकार है किन्तु अपने टर्म पर आशान्वित है ,भयभीत है मोदी लहर और कूटनीति से | कांग्रेस तेरा सहारा …क्या एक बार फिर मिलेगा …? ……………………………………………………………………………..वहीँ कांग्रेस अब भी भ्रमित है की प्रियंका जी का जादू इंदिरा गांधी की याद दिलाएगा | प्रियंका प्रियंका का भूत भय अभी भी विपक्षी भा जा पा को भयभीत कर रहा है | इसी भय से पार् पाने के लिए ही स्मृति ईरानी जी का उदय हुआ था ,किन्तु अभागी स्मृति मष्तिस्क से धूमिल हो गयी | …..और उदय हुआ अनुप्रिया जी का जो स्मृति से भी आकर्षक ,कुशल बक्ता ,प्रवक्ता और मोदी जी सा प्रहारक क्षमता वाली हैं | साथ मैं जातीय आकर्षण भी चरम पर है | …….मुख्य मंत्री के रूप मैं भारतीय जनता पार्टी को शांति प्रदान करेगी | ….चुनाव सभाओं मैं आकर्षण का केंद्र बनेंगी | भीड़ को आसानी से जुटाया जा सकेगा | …….प्रियंका गांधी जी के जादू का मुंह तोड़ जबाब बन जायेगा | यदि प्रियंका को राजनीती मैं मोहरा बना कर यदि कांग्रेस अंतिम दांव भी लगा देगी तो ,चुनाव सभाएं बहुत ही उत्तेजक आकर्षण से भरी होंगी | दोनों तरफ बहुत ही आकर्षक उत्तेजक जन सभाएं होंगी | ……किन्तु क्या कुछ उपजा पाएगी कांग्रेस ….?……बिना किसी जोड़ घटाना गुणा भाग गणित के क्या पाएगी कांग्रेस ……..? ….किसका वोट खींच पा सकेगी ….?…..क्या किसी जादू या भाग्य का ही सहारा होगा ….? ………………………………….एक ही रास्ता है सिर्फ ……बिहार फार्मूला ही अपनाया जाये ….भारतीय जनता पार्टी के विपरीत विचारों का जमघट ,तालमेल ……….तीनों पार्टियों को कुछ नहीं मिलने वाला ….इसलिए तीनों पार्टिया मिलजुलकर बटवारा कर लें …तीनों की हालत मोदी लहर मैं पतली हो चुकी है | ….वर्ना आने वाले पांच सालों मैं किसी भी विपक्षी दल को नहीं उभरने देगी भारतीय जनता पार्टी …..इसलिए चेतो अपना अहंकार त्यागो …और कुशल चाणक्य को दिल्ली विहार सी पटखनी दो | …….कांग्रेस अपने केंद्र को फोकस करे | ….स पा ,बसपा , हाथ मिलाएं गिले शिकवे जीत के बाद निपटा लें | कांग्रेस का किसी एक पार्टी का साथ होने से भा जा पा को ही लाभ होगा | …………….प्रियका गांधी जी की जय जयकार हो जाएगी ,केंद्र मैं भा जा पा कमजोरी महसूस करेगी |..कांग्रेस के साथ साथ सपा ,बसपा भी अपने अस्तित्व को कायम रख सकेंगी | ………तानाशाही की तरफ बढ़ती भारतीय जनता पार्टी पर अंकुश लग जायेगा | …………जैसा भी हो लोकतंत्र कायम रहेगा |……………………………………………………….ओम शांति शांति शांति
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