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,क्या अब. अनुप्रिया v\s प्रियंका ?

PAPI HARISHCHANDRA
PAPI HARISHCHANDRA
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खासा चर्चित रहा यह नाम

व्यंग ..महज 35 साल की उम्र में अनुप्रिया जी इस काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स की सबसे कम उम्र की मंत्री बन चुकी हैं। उनको स्वास्थ्य मंत्रालय सौंपा गया है। वह नई हैं, लेकिन मंत्रालय अहम है।अनुप्रिया जी एक युवा होने के साथ-साथ एक अच्छी वक्ता भी हैं। इसके अलावा वह एक ओबीसी (पिछड़े समाज) चेहरा भी हैं जिसका पूरा फायदा भाजपा आगामी विधानसभा चुनावों में उठाना चाहती है। उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव को 2019 के पहले का सबसे कड़ा चुनाव माना जा रहा है। अनुप्रिया जी को मंत्री बना कर भाजपा उनको कुर्मी समाज का चेहरा बना कर चुनाव में उतारेगी। पार्टी को उम्मीद है कि इससे वह समाजवादी पार्टी को टक्कर दे सकती हैं। हाल ही में सपा ने वृद्ध कुर्मी नेता बेनी प्रसाद वर्मा जी को पार्टी में वापस लिया है।…इसके आलावा केशव प्रशाद मौर्य जी को भा जा पा अध्यक्ष बना कर दलितों मैं मजबूती बना ली है |
both ………………………………………………………….अनुप्रिया जी के आने से भाजपा बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को भी सीमित रखना चाहती है। नीतिश पिछले कुछ समय से पूर्वी उत्तर प्रदेश में काफी सक्रिय दिखाई दिए हैं।…….समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी दोनों के वोट बैंक पर भा जा पा अपनी चाणक्य पैठ बना चुकी है | जिसमें मोदी लहार का तड़का भारतीय जनता पार्टी को आष्वस्त कर रहा है | ……समाजबादी पार्टी तो अपना टर्म भोग चुकी है और मीडिया से बदनाम भी हो चुकी है | अब पारी बहुजन समाजवादी पार्टी की है अतः उसको तोड़ मरोड़कर कमजोर कर देना ही भा जा पा का उद्देश्य है | किन्तु दुनियां की एक अनोखी पार्टी है बा सा पा जो जितना टूटती है उतना ही मजबूत होती है | उसमें यदि कांग्रेस का साथ मिल जायेगा तो सोने मैं सुहागा हो जायेगा,यह सोच अब कायम नहीं रह पाएगी शायद …….|… | |

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…….एक और जहाँ मोदी लहर कायम है ,साथ मैं कूटनीतिक तोड़ फोड़ जैसी चाणक्य नीतियां चारों तरफ से लाई जा रही हैं , जाति विरादरी ,धर्म ,मुसलमानों के प्रति घ्रणा ,हिन्दू जाग्रति से जकड लिया जा रहा है वोटर को …| ….वहीँ दूसरी तरफ सपा दमदार तो है किन्तु अपना टर्म बिता चुकी है | भाग्य ही कुछ कर सकता है | …बा स प टूट फुट का शिकार है किन्तु अपने टर्म पर आशान्वित है ,भयभीत है मोदी लहर और कूटनीति से | कांग्रेस तेरा सहारा …क्या एक बार फिर मिलेगा …? ……………………………………………………………………………..वहीँ कांग्रेस अब भी भ्रमित है की प्रियंका जी का जादू इंदिरा गांधी की याद दिलाएगा | प्रियंका प्रियंका का भूत भय अभी भी विपक्षी भा जा पा को भयभीत कर रहा है | इसी भय से पार् पाने के लिए ही स्मृति ईरानी जी का उदय हुआ था ,किन्तु अभागी स्मृति मष्तिस्क से धूमिल हो गयी | …..और उदय हुआ अनुप्रिया जी का जो स्मृति से भी आकर्षक ,कुशल बक्ता ,प्रवक्ता और मोदी जी सा प्रहारक क्षमता वाली हैं | साथ मैं जातीय आकर्षण भी चरम पर है | …….मुख्य मंत्री के रूप मैं भारतीय जनता पार्टी को शांति प्रदान करेगी | ….चुनाव सभाओं मैं आकर्षण का केंद्र बनेंगी | भीड़ को आसानी से जुटाया जा सकेगा | …….प्रियंका गांधी जी के जादू का मुंह तोड़ जबाब बन जायेगा | यदि प्रियंका को राजनीती मैं मोहरा बना कर यदि कांग्रेस अंतिम दांव भी लगा देगी तो ,चुनाव सभाएं बहुत ही उत्तेजक आकर्षण से भरी होंगी | दोनों तरफ बहुत ही आकर्षक उत्तेजक जन सभाएं होंगी | ……किन्तु क्या कुछ उपजा पाएगी कांग्रेस ….?……बिना किसी जोड़ घटाना गुणा भाग गणित के क्या पाएगी कांग्रेस ……..? ….किसका वोट खींच पा सकेगी ….?…..क्या किसी जादू या भाग्य का ही सहारा होगा ….? ………………………………….एक ही रास्ता है सिर्फ ……बिहार फार्मूला ही अपनाया जाये ….भारतीय जनता पार्टी के विपरीत विचारों का जमघट ,तालमेल ……….तीनों पार्टियों को कुछ नहीं मिलने वाला ….इसलिए तीनों पार्टिया मिलजुलकर बटवारा कर लें …तीनों की हालत मोदी लहर मैं पतली हो चुकी है | ….वर्ना आने वाले पांच सालों मैं किसी भी विपक्षी दल को नहीं उभरने देगी भारतीय जनता पार्टी …..इसलिए चेतो अपना अहंकार त्यागो …और कुशल चाणक्य को दिल्ली विहार सी पटखनी दो | …….कांग्रेस अपने केंद्र को फोकस करे | ….स पा ,बसपा , हाथ मिलाएं गिले शिकवे जीत के बाद निपटा लें | कांग्रेस का किसी एक पार्टी का साथ होने से भा जा पा को ही लाभ होगा | …………….प्रियका गांधी जी की जय जयकार हो जाएगी ,केंद्र मैं भा जा पा कमजोरी महसूस करेगी |..कांग्रेस के साथ साथ सपा ,बसपा भी अपने अस्तित्व को कायम रख सकेंगी | ………तानाशाही की तरफ बढ़ती भारतीय जनता पार्टी पर अंकुश लग जायेगा | …………जैसा भी हो लोकतंत्र कायम रहेगा |……………………………………………………….ओम शांति शांति शांति

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