अच्युतम् ‘केशवम्’ राम नारायणम हैप्पी बर्थ डे
७ मई १९६९जन्म दिन मुबारक
व्यंग……………….अच्युतम केशवं राम नारायणम् …….राम(जनसंघ) की मर्यादाएं और कृष्ण(कांग्रेस ) की लीलाएं मिलकर ही तो नारायण (भारतीय जनता पार्टी ) की भक्ति से धर्म स्थापना से मुक्ति का बोध करा सकती हैं |
..रक्षमाम् केशवः श्री केशव प्रसाद ने गरीबी का सामना करते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सम्पर्क में आने के बाद विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल और भाजपा के अनेक दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वाह किया। साथ ही श्रीराम जन्म भूमि और गोरक्षा व हिन्दू हित के लिए अनेकों आन्दोलन किया और इसके लिए जेल भी गये। श्री केशव प्रसाद की छवि संघर्षशील जननेता की है। आपने सिराथू विधानसभा से वर्ष 2012 एवं लोकसभा चुनाव 2014 में वर्ष 2012 एवं लोकसभा चुनाव 2014 में फूलपुर क्षेत्र से आजादी के 60 वर्श बाद पहली बार कमल खिलाया। फूलपुर से भाजपा प्रत्याषी के रूप में तीन लाख आठ हजार तीन सौ आठ (308308) वोटो से ऐतिहासिक जीत हासिल की।
भाजपा का हिन्दू उत्थान ………………………………………………………..राम यह भारतीय जनता पार्टी का कैसा चमत्कार है कि राम नवमी पर होने वाले जन्म के साथ साथ केशव (यू पी भा ज पा अध्यक्ष ) का भी जन्म दिन मनाया गया | ऐसे चमत्कार भारतीय जनता पार्टी ही धर्म की स्थापना के लिए करती रहती है | …………………………………भगवन कृष्ण ही तो हैं जो धर्म की हानि होने पर समय समय पर अवतार लेते रहते हैं …………………..यदा यदा ही धर्मश्य ग्लानिर्भवति भारत ..| अभ्युथानम धर्मश्य तदात्मानं सृजाम्यहम् || ……………………….भगवन राम को नयी ऊंचाईयों पर स्थापित करते इतना महान बना दिया कि वे अपनी जन्म भूमि पर ही अपने मंदिर के लिए मनुष्यों पर ही आश्रित हो गए हैं | घर घर राम …कण कण राम किन्तु मनुष्य के लिए विकास के कारक राम बिना सत्ता कैसे मिलेगी …? राम तुम्हारे सहारे ही तो विश्व गुरु बन्ने को तत्पर हैं | राम नाम जपते ही तो अपना अपनी पार्टी का उद्धार शने शने करते जा रहे हैं | राम नाम लोक परलोक को सुधारने का साधन ही तो है | ……………………………………….. …..श्रीमद्भागवत गीता को इतनी ऊंचाईयों पर स्थापित किया कि वह भी राष्ट्रिय धर्म ग्रन्थ बनने की आस मैं तरस रही है | गीता साधारण जनता की तरह ही चुनावी वादों की तरह आश लगाए है | गीता परम पूज्य धार्मिक ग्रन्थ है किन्तु उसका अनुसरण करना केवल त्यागी योगी सन्यासियों के लिए है जो अपनी मोक्ष मुक्ति चाहते हैं | किन्तु अगले जन्म मैं | वानप्रस्थ और फिर सन्यास फिर मोक्ष की ओर ….| राजनीतिज्ञों के लिए एक परम राजयोग कारी ग्रन्थ ….| ………………...भारत को माता का स्वरुप ही नहीं दिया वरन उसमें दुर्गा माता का स्वरुप भी दिखा कर अद्भुत शांति के लिए भारत माता की जय से उद्घोषित किया | भारत और माता , और दुर्गा स्वरुप एक खिलौना बना दिया | जो जैसे चाहे अपनी अपनी श्रद्धा के अनुसार उछलता खेलता रहे | देश मैं ही नहीं विदेश मैं भी भारत माता की जय को अनोखी उचाईया प्रदान की | ……………………………………………………………………….साईं बाबा को मंदिरों मैं भगवन से ऊंचाईयों को प्रदान करना भी धर्म की नई स्थापना हुई | शनि शिंगणापुर मैं शनि को भी अछूत से सर्व जन हिताय सुलभ कर नई धर्म की स्थापना की गई | त्रयंबकेश्वर मंदिर …को नया स्वरुप …| महलष्मी मंदिर मैं धर्म की स्थापना …| ………………………………………………………………………...क्या अब भगवन राम की तरह भगवन कृष्ण को भी नई ऊंचाईयों पर स्थापित करना ही उद्देश्य हो सकता है केशव के राम नवमी पर अवतरित होने का …..? विष्णु स्वरुप मोदी जी अवतरित होकर धर्म की स्थापना कर रहे हैं | अब कृष्ण स्वरुप मैं केशव भी धर्म को नई ऊंचाईयों पर स्थापित करेंगे | एक नया प्रयोग होगा की कृष्ण भारत माता की जय बोलते राम राज्य की स्थापना करेंगे | गीता को राष्ट्रिय धर्म ग्रन्थ की स्थापना राम राज्य मैं ही होगी | केशव स्वयं अपनी गीता को धर्म ग्रन्थ से राष्ट्रिय धर्म ग्रन्थ बना कर धर्म की स्थापना करेंगे | …..लोक तंत्र मैं सभी का साथ लेना आवश्यक होता है | वे भगवन राम से मर्यादा पुरुषोत्तम हों या भगवन कृष्ण से कुशल अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता ….| राम तो मर्यादित रहे हैं किन्तु केशव तो कुशल महाभारत के विजेता रहे हैं | राम का मंदिर बनवा देना उनके बाएं हाथ का खेल होगा | ………………………भारत माता की जय के लिए अमेरिका की एकात्मक प्रेसिडेंसियल प्रणाली स्वरुप को ,ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली दोनों को मिला कर ही तो राम कृष्ण दोनों की कलाओं की संघात्मक हिन्दू भारत माता की जय की तरह मिलाया गया है | नदियों को मिलाना भी धर्म की नई पहिचान है इसीलिये गंगा जमना तहजीब को तो मिला दिया गया है ,गंगा जमुना भी भविष्य मैं केशव मिला ही देंगे | ………....किन्तु ऐसी प्रणाली की भी खोज भी जारी है की जब चाहे गंगा जमुना को मिला कर धर्म निरपेक्ष नदी की तरह धर्म की स्थापना हो सके | और जब चाहे उन्हें उबालकर पानी के तत्वों ह्यड्रोजन और ऑक्सीजन मैं विघटित करके राजनीतिक लाभ लेकर पुनः गंगा ,जमुना के पवित्र जल बना कर गंगा जमुना तहजीब की तरह मिला सिद्ध कर दिया जाये | धर्म की स्थापना कैसे केशव करते हैं यह दुनियां के साधारण जन समझें | ……………..राम स्वरुप …जनसंघ और राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ को भारतीय जनता पार्टी पर स्थापित कर धर्म की स्थापना केशव (कृष्ण )के बिना कैसे सार्थक हो सकेगी …? ….विना केटव और सबरी के राम राज्य अधूरा ही होगा इसीलिये आंबेडकर भी धर्म की स्थापना को आवश्यक होंगे | .विश्व मैं सभी का सदाचारी ब्राह्मण हो सकना असम्भव ही रहा है किन्तु ब्राह्मण तो अपने आचार विचार बदल सकता है | ब्राह्मणत्व खोना कोई कठिन कार्य नहीं है | …………धर्म की स्थापना के लिए भगवन राम सा मर्यादित होना आवश्यक नहीं होगा | न ही ब्राह्मणत्व प्राप्त सदाचारी ब्राह्मण होना पड़ेगा ,न ही शंकराचार्य की पदवी पर स्थापित विद्वान और अनुभवी व्यक्ति को सद्गुरु माना जायेगा | अशक्त असहाय .देव गुरु बृहस्पति ( जगद्गुरु स्वामी शंकराचार्य स्वरूपानंद ) के स्थान पर …शुक्राचार्य (मीडिया ) ही सद्गुरु की तरह स्थापित हो जायेंगे धर्म की नयी नयी व्याख्या करते वे ही धर्म की स्थापना करेंगे | ..……….राम हे राम …हे राम ……से भी अंत मैं अब …………..हे केशव हे केशव ………………………………………….क्या तुम धर्म की स्थापना करते हिन्दू राष्ट्र बना सकोगे या २० सूत्री कार्यक्रम से २० वर्षीय सत्ता सुख भोगने की और अग्रसर होगे | ………………अच्युतम केशवं राम नारायणम् …….राम(जनसंघ) की मर्यादाएं और कृष्ण(कांग्रेस ) की लीलाएं मिलकर ही तो नारायण (भारतीय जनता पार्टी ) की भक्ति से धर्म स्थापना से मुक्ति का बोध करा सकती हैं |
.……………………जैसे भी हो महाभारत के बाद ………ओम शांति शांति शांति ….तो हो ही जाएगी | ………………………………………………………………..
Read Comments