मनमोहन रेनुकोट गोबर्धन पर्वत
व्यंग्य ..
मन मोहन (भगवन श्री कृष्ण ) जिन्होंने प्रथम रेनुकोट का अविष्कार किया था | जिसको गोबर्धन पर्वत नाम दिया गया था | वर्षा का देवता इन्द्र के प्रकोप से बचने के लिए भयभीत मथुरा वृन्दावन वासी इन्द्र के पूजन से अपने को बचाते थे | अपने पूजन से संतुष्ट नहीं होने पर इन्द्र भयंकर वर्षा प्रकोप कर देता था | अतः इन लोगों को भयमुक्त करने और इन्द्र के अहंकार का नाश करने के लिए भगवन श्री कृष्ण ने गोबर्धन पर्वत को अपनी छोटी ऊँगली से उठा लिया था और समस्त मथुरा वृन्दावन वासियों को एक रेनकोट प्रदान किया | समस्त मथुरा वृन्दावन वासी गोबर्धन पर्वत के नीचे आकर अपने को इन्द्र के अहंकारी वर्षा प्रकोप से सुरक्षित कर चुके थे | जब हार थक कर इन्द्र मथुरा वृन्दावन वासियों का कुछ नहीं विगाड़ सका तो उसने श्रीकृष्ण को भगवन मान लिया और क्षमा प्रार्थना की | समस्त मथुरा वृन्दावन वासियों ने श्रीकृष्ण की जय जय कर की और तब से उन्होंने इन्द्र की पूजा अर्चना भोग त्यागकर ,श्रीकृष्ण को ही भगवन मान कर पूजा अर्चना,और विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया | प्रसन्न चित्त हो तब से हर वर्ष अन्नकूट पर्व के रूप मैं मनाया जाता है | …………………………………………….समस्त प्रजा का बचाव करने वाले मन मोहन भगवन श्रीकृष्ण का यह गोबर्धन पर्वत रूपी रेनकोट का भविष्य केवल अपने को ही सुरक्षित करने वाला बन जायेगा यह कौन जनता था | | ………………………………………………………….महान योगी,कवि व्यंगकार माननीय मोदी जी का मन मोहन जी को दिया सम्मान राज्य सभा मैं विपक्षियों के समझ से बाहर रहा | महान लोगों की छत्र छाया सभी को सम्मान दे सकती है | जिस प्रकार भगवन श्री कृष्ण की गोबर्धन छाया मैं सभी गोकुल,मथुरा वृन्दावन वासी सुरक्षित सम्मानित बन गए थे | मनमोहन जी स्वयं भी माननीय रहे और उनकी उपमा भी मन मोहन भगवन श्री कृष्ण से करते मोदी जी भी महान कवियों मैं शामिल हो गए | योगी श्रीकृष्ण भक्तों को सर्वत्र मन मोहन (श्रीकृष्ण ) ही नजर आते हैं ,उनकी लीलाएं ही उन्हीं शक्ति देती हैं | भगवन श्रीकृष्ण के रेनकोट ने केवल अपने को नहीं सुरक्षित रखा बल्कि उन्होंने सभी ब्रज वासियों को सुरक्षा प्रदान की यही मन मोहन भगवन श्री कृष्ण की महानता रही तभी वे भगवन कहलाये | ………………………………………….भगवन श्रीकृष्ण की जन्म स्थली ,लीला स्थली की महानता रेनूकोट(गोबर्धन पर्वत ) से ही वे भगवन रूप मैं स्थापित हुए | …………………………..……………………………………..यह तो मन मोहन श्रीकृष्ण का रेनूकोट है किन्तु .इसके आलावा .एक अन्य रेनूकोट प्रसंग भगवन राम से जुड़ा सुन्दर रमणीय पिकनिक स्पॉट भी भारत के उत्तर प्रदेश मैं बनारस के समीप स्थित है |…………………………….. ………जहाँ भारत की सबसे बड़ी ‘राम लीला स्टेज’ मानी जाती है | जिसको हिंडाल्को रामलीला परिषद् द्वारा बनाया गया | ……………………………………………………….हिंडाल्को एशिया मैं सबसे बड़ा पूरी तरह भारतीय एल्युमुनियम प्लांट है | जिसकी स्थापना जी डी बिरला द्वारा .जवाहर लाल नेहरू की सलाह पर की गयी | रेनूकोट एक इंडस्ट्रियल सिटी है जिसको हिंडाल्को और रिहंद डैम के लिए जाना जाता है | रिहंद डैम, गोविन्द बल्लभ पन्त सागर लेक और रिहंद रिवर से बना है | .यहाँ ,सीमेंट ,एल्युमुनियम ,केमिकल इंडस्ट्रीज हैं ही साथ ही हाइड्रो पावर और थर्मल पावर प्रोजेक्ट भी हैं | साथ ही NTPC ,.का सबसे बड़ा प्लांट भी है | .यहाँ आदित्य बिरला के केमिकल और हाई टेक कार्बन प्लांट भी हैं | ……………………………………………………………….रेनूकोट मैं बहुत से पिकनिक स्पॉट जैसे गागर में सागर , रिवर साइड , चिलिका लेक , रिमझिम वाटिका , टेक्नोलॉजी पार्क (म्योरपुर ), और चिल्ड्रन ‘स पार्क हैं ………………………………………………………………. ………इस रेनूकोट की सीमायें चार राज्यों …छत्तीसगढ़ , मध्यप्रदेश ,विहार ,और झारखण्ड से घिरी हैं | इसको पावर कैपिटल ,अलमुनियम सिटी भी कहा जाता है | ………………………………………………………………………..ऐसे महान प्रसंगों से जुड़ा भारतीय रेनूकोट अंग्रेजों के रेनूकोट के भावों को क्या समझेगा | किसी ने सत्य ही कहा है भारतीय एक ऐसी नदी मैं अवश्य बह जाता है जिसको भावना कहते हैं | ………………………………………………….जो अपनी भावनाओं पर संयम रख लेता है वही योगी है | ………………………………………………...योगश्च चित्तबृत्ति निरोध ..……………………………………………….अपनी भावनाओं पर संयम करने के लिए राम भक्त भारत के रेनूकोट की सबसे बड़ी राम लीला स्टेज की राम लीला जरूर देखें | …………………………………………………..ॐ शांति शांति शांति
रेनुकोट …वहां अब भाजपा की राम लीला होगी
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