दिल्ली के किरण बेदी उद्धार से अभी उबरे भी नहीं एक और महा दलित के उद्धार का बीड़ा उठा लिया है राम भक्तों ने | राम बिना भारतीय जनता पार्टी की कल्पना नहीं की जा सकती है | राम दलितों का उद्धार करने मैं उदारता ही दिखाते हैं | राम भक्त अगर उनके मार्ग का अनुसरण नहीं करेंगे तो लोक का कल्याण कैसे होगा | नीतेश कुमार का उद्धार करने मैं भी उदारता ही दिखाई थी | अब जीतन राम के उद्धार से क्यों पीछे हटेंगे | जीतन राम तो राम सी मर्यादाओं के रचयिता बन गए हैं | उनका दर्शन दुनियां मैं एक जीने की सुगमता देगा | दलित और महादलित शांति से विकास कर सकेंगे | जीतन राम ,जीतम राम ही बन कर मांझी की तरह राम भक्तों की नैया अवश्य पर कराएँगे | भगवन राम की नैया भी तो मांझी ने ही पार लगाई थी | यही विचार कर ही तो जीतन राम को जीतम राम सिद्ध कर रहे हैं | ……….बाली को मारने के लिए छल करके ही सुग्रीव को सत्ता दिलाई थी | रावण को मारने के लिए विभीषण पैदा करना ही पड़ता है | दलित ,महादलतों के प्रदेश मैं नैतिकता किस चिड़िया को कहते हैं कौन जानता है | .………………………………….किन्तु कभी कभी भाग्य ख़राब हो तो सारी चाणक्य नीति धरी की धरी रह जाती है ,जैसे की दिल्ली की किरण बेदी …?…………………..बिहार का चाणक्य लालू क्या किसी बाहर के चाणक्य को पैर टिकने देगा …? .…अब युग मीडिया का आ चूका है ,मीडिया को किस तरह दुहना है यह अरविन्द्र केजरीवाल ने भारतीय राजनीतिज्ञों को सीखा दिया है | लोक सभा चुनाव मैं भारतीय जनता पार्टी ने सुगमता से केजरीवाल की टेक्नोलॉजी को संसाधनों से दुह लिया था ,किन्तु पुनः दिल्ली विधान सभा चुनाव मैं केजरीवाल ने अपने को गुरु सिद्ध कर दिया | ……….लालू के राजनीती गुरुकुल मैं ,साम ,दाम दंड भेद की चाणक्यीय थ्योरी नहीं चल पाई तो उन्होंने आधुनिक थ्योरी वाली ...”.मॉडर्न इंस्ट्रीट्यूट ऑफ़ राजनीती ” की आधारशिला रखी | भारतीय जनता पार्टी की साम्प्रदायिक छवि को भुनाते धर्मनिरपेक्ष पार्टियों का संगठन बिहार मैं बनाया | जिसका विकास उत्तरप्रदेश तक विस्तार करते मुलायम सिंह से सम्बन्ध बनाते मजबूती प्रदान की | …………………………….यह सब तो हुई कूटनीति ….लेकिन आधुनिक टेचनोलॉजी के युग मैं जिसने मीडिया की शक्ति को नकार दिया वह कांग्रेस ही बन जाता है | अतः मीडिया को चिल्लाने के लिए जीतन राम मांझी युग का आरम्भ किया गया | पाहिले महादलित के नाम पर ,फिर मांझी दर्शन से प्रभावित होकर मीडिया चिल्लाता रहा | मीडिया ने तो कुछ भी अनोखा देखते ही चिल्लाना ही है | उसका स्वाभाव ही है साथ ही धर्म भी यही है | ……………………..केजरीवाल को भ्रष्टाचार पर चिल्ला कर आसमानी विजय दिलाई | भारतीय जनता पार्टी को नकली लाल किले से दहाड़ से विजय दिलाई | कांग्रेस क्यों दकियानुषी विचार धारा मैं कैद है क्यों नहीं मीडिया के महत्त्व को पहिचान रही है | .यदि स्वयं सक्षम नहीं हो रही है तो अपने युवराजों को क्यों नहीं लालू इंस्टीट्यूट मैं एड्मिसन दिला देती | …………………....मैनजमेंट गुरु कहे जाते थे लालू | ऐसे अनुभवी गुरु के मॉडर्न इंस्टीट्यूट अब मीडिया के महत्त्व को समझते ही राजनीतिक ज्ञान देते हैं | ……………………………………दिल्ली मैं एक ईमानदार छवि की किरण बेदी पर ,मीडिया के आशीर्वाद से केजरीवाल को आसमानी जीत दिलाते ,भारतीय जनता पार्टी की कौरवों की सेना को परास्त कर देती है | यहाँ तो मांझी दर्शन ही अनोखा है ,दलित ,महादलित क्या दो करोड़ के सूट पहिनने वाले प्रधानमंत्री की पार्टी की और झुक पाएंगे | एक असक्त हो चुके मांझी क्या दलित महादलित मैं छा सकेंगे | क्या भारतीय जनता पार्टी मांझी को मंझधार मैं डूबने को छोड़ देगी , या महादलित वोट बैंक बनाने की कोशिश करते दिल्ली की तरह मुंहकी खायेगी | भारतीय जनता पार्टी की गले की हड्डी बन गए हैं मांझी | .……..भगवन राम की नैया पार लगाने वाले मांझी क्या राम भक्तों की नैया पर लगा पाएंगे या स्वयं भी मंझधार मैं भटकते रहेंगे | ……………………………………...जीतन राम मांझी जी भटकाव छोड़ो,जिसकी नैया पार लगा रहे हो वह भगवन राम नहीं ,राम भक्त रूपी छदम कलियुगी राजनीतिज्ञ हैं | अपने गुरु के गुरु लालू की शरण मैं जाओ वे चाणक्यवतार ही हैं कोई न कोई महादलित उद्धार का मार्ग निकाल ही लेंगे | मीडिया को कैसे चिल्लाना है वे पहिचान चुके हैं | .…………………………..गुरुर ब्रह्मा ,गुरुर विष्णु ,गुरुर देवो महेश्वरः |गुरु साक्षात परम ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः ||.……………………………….सतयुगी राजनीती मैं विभीषण पैदा किये जाते रहे हैं | आजकल की कलियुगी राजनीती मैं विभीषण बनना भी सशक्तों का ही काम है | महादलित वेचारे, नीतेश नहीं बन सकते हैं ,उनके लिए नतमस्तक होना ही धर्म है ,तभी उनका कल्याण हो सकता है | ..…………………………...ओम शांति शांति शांति
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