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सुल्ताना सुल्ताना कभी न घबराना

PAPI HARISHCHANDRA
PAPI HARISHCHANDRA
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व्यंगोपमा

सुल्ताना सुल्ताना कभी न घबराना तेरे मेरे प्यार को क्या रोकेगा जमाना ….जी हाँ जनार्दन (दर्शकों) और सलमान खान(अर्जुन ) के प्यार को कोई नहीं रोक सकता …………किसी समय का दिल को छु लेने वाला यह गीत आज सुल्तान के बहुचर्चित हीरो के लिए उत्साहबर्धक बन सकता है |Sultan's logo.jpg ……………………………………………….जब कलाकार कवि ह्रदय सुल्तान(सलमान खान ) की भावनात्मक उपमा को घृणा के भाव से देखा जा रहा है | कोई भी कालिदास आरम्भ मैं कालिदास की तरह प्रताड़ित ही होता है | कालिदास को मूर्खता का पर्याय भी माना जाता रहा है | किन्तु बाद मैं उनकी उपमाओं का लोहा समय समय पर विद्वानों द्वारा माना जाता रहा | आज विश्व मैं सेक्सपियर से ऊँचा स्थान कालिदास का ही माना गया | “उपमा कालीदासशय ” यानि उपमा मैं कालिदास का कोई मुकाबला नहीं कर सकता है | ………………………………………………………………………………………………..एक रेप पीड़ित नारी के दर्द को यदि किसी ने समझा है तो वह उपमा मैं कालिदास से कवि ह्रदय सलमान खान ही हैं | अपने दर्द को एक कवि कविता मैं ही कह सकता है कौन सुनेगा उसके दर्द को |Sultan Cover 2016.jpg ………………………………रेप यानि बलात्कार सिर्फ किसी नारी के प्रति ही मान लिया जाता है | किन्तु बलात्कार का शाब्दिक अर्थ ही यही है की किसी सशक्त व्यक्ति द्वारा कमजोर के प्रति बल पूर्वक अपनी करनी कर लेना | वह नारी भी हो सकती है ,पुरुष भी ,दलित भी ,धन ,बल बुद्धि ,से कमजोर भी हो सकता है | संसार मैं कौन ऐसा व्यक्ति होगा जो कहीं न कहीं बलात्कार से पीड़ित नहीं रहा हो | मनुष्य तो मनुष्य संसार का हर जीव सशक्त द्वारा बलकरत होता रहा है | .………..प्रत्येक विजय बलात्कार से ही होती रही है जिसके साध्य धन बल ,बुद्धि ,चतुराई ,चाणक्य सी नीतियॉं ही होती रही है | प्रत्येक पराजित व्यक्ति या जीव अपने को बलत्कृत ही समझता है | ………………………………………………………………..बलात्कृत व्यक्ति एक समान नहीं होते ,उनकी प्रकृति भिन्न भिन्न होती है | ……मनुष्य भी तीन तरह की प्रकृति वाला होता है …..मानवीय , देवीय , और राक्षसी , …………मानवीय प्रकृति वाला बलात्कार का शिकार आँशु बहाता, सब कुछ सहन करता अपने भाग्य को रो लेता है | ….देवीय प्रकृति वाला चाणक्य सी चतुराई से बदला लेता है ……किन्तु राक्षसी प्रकृति वाला सब कुछ सहन करते हुए स्वयं भी बलात्कार ही करता है | उसके लिए वही मार्ग होता है जो उसने सहन किया था | ………………………………………………………………….कोई भी विजय पराक्रम से ही होती है | पराक्रम यानि दूसरे पर अपने धन बल बुद्धि से आक्रमण करके विजयी होना | ……पराक्रम का विलोम ही होता है धर्म ………धर्म से कभी किसी पर कभी विजय नहीं पाई जा सकती | धर्म धर्म करते धर्म राज युधिष्ठर बनवास मैं ही रहे और अपने परिवार पांडवों को भी बलात्कृत होने दिया | …….यदि भगवन श्री कृष्ण का वास्तविक गीता ज्ञान नहीं होता तो पांडव कभी भी बलात्कार से मुक्ति नहीं पा पाते | ………पराक्रमी .कौरवों की .धन ,बल बुद्धि ,सेना ,की प्रबलता भी अकेले भगवन श्री कृष्ण के वास्तविक धर्म बुद्धि चातुर्य से परास्त हो गयी | और पांडव अशक्त होते भी विजयी हुए | ……………………………………………………………………….’.हम आपके हैं कौन’ ,फिर भी मार्ग दर्शन अवश्य करेंगे |…….. ‘ढाई आखर प्रेम के’ पड़कर ‘चोरी चोरी चुपके चुपके’ ‘कहीं प्यार न हो जाये ‘ ‘कुछ कुछ होता है’ और ‘जब प्यार किसी से होता है’ तो आपने ‘साजन’ से कहा था, ‘मैंने प्यार किया’ ‘ जानम समझा करो’ ‘ हम तुम्हारे हैं सनम’ ‘ मुझसे शादी करोगी’ ,किन्तु ‘सनम बेबफा’ निकले | ………….मैं तो ‘ BIWI NO १’ ‘सिर्फ तुम’ को ही चाहता था खैर ‘प्यार किया तो डरना क्या’ अब ‘ हम दिल दे चुके सनम’…….’चल मेरे भाई’ …’हर दिल जो प्यार करेगा’ ,,,,,,,दुल्हन हम ले जायेंगे …खैर ‘मैंने प्यार क्यों किया’ ‘दिल ने जिसे अपना कहा ‘ ‘ तुमको न भूल पाएंगे’ ‘यह है जलवा’ ‘तेरे नाम’ ‘फिर मिलेंगे’ ‘ पार्टनर ‘ अब ‘No Entry’ ‘ओम शांति ओम’ | ……….. ‘hello ‘ ‘God tussi great ho ‘ ‘VEER ‘ ‘HEROES ‘ ‘YUVRAJ ‘ सावरिया की ‘WANTED ‘ LONDON DREAMS ‘अजब प्रेम की गजब कहानी’ ‘प्रेम का गेम’ ‘तीस मार् खान’ की ‘ चिल्लर पार्टी’ …….READY कर दी | …………………..मैं तो खुश था…..’ मैंने प्रेम रतन धन पायो’ …किन्तु …’फटा पोस्टर निकला हीरो’…….OMG -Oh My GOD ‘ …’ओ तेरी’ .. .’जय हो’ .दबंग -2…की …..KICK हीरो SON OF SARDAR के लगी | …………………अब तो ‘DR कब्बी’ ही… ‘बजरंगी भाई जान’… और… ‘सुल्तान’ …. के रूप मैं जिंदगी का मेक अप करते रहेंगे | ………………………………..’दबंग’ ,’सुल्तान’ के लिए किसी चिंता की कोई बात नहीं ,’मझधार’ मैं नहीं छोड़ेंगे क्यों की…… ‘हम साथ साथ हैं’ ……………………………………….हम सब ने उपमा मैं कालिदास ही सिद्ध करके दिखना है ,सिर्फ वही करते रहो जैसा हम कहते हैं बाकि ज्ञान विज्ञानं से हम तुम्हें कालिदास सिद्ध कर ही देंगे | ……………………………………………………..सुल्तान……………….निर्देशक ………….अली अब्बास जाफ़र……… 1. “बेबी को बास पसन्द है” विशाल दादलानी, शलमाली खोलगड़े, इशिता, बादशाह 2. “जग घूमेया” राहत फ़तेह अली ख़ान 3. “४४० वॉल्ट” मीका सिंह 4. “सुल्तान” सुखविंद्र सिंह ,शादाब फरीदी 5. “सच्ची मुच्ची” मोहित चौहान, हर्षदीप कौर 6. “बुल्लैया” अंगराज महंता 7. “टुक टुक” नूरण सिस्टर्स, विशाल दादलानी 8. “जग घूमेया (औरत)” नेहा भासिन 9. “राइज़ ऑफ़ सुल्तान” विशाल–शेखर निर्माता आदित्य चोपड़ा अभिनेता सलमान खान अनुष्का शर्मा रणदीप हुड्डा संगीतकार विशाल-शेखर संपादक रामेश्वर भगत स्टूडियो यश राज फिल्म……………………………………………………………………ओम शांति शांति शांति

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