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स्वच्छता अभियान मैं, महात्मा गाँधी की ‘शांति’ का सफाया ,

PAPI HARISHCHANDRA
PAPI HARISHCHANDRA
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व्यंग्य ,,२१ septembar ‘विश्व शांति दिवस’ पर दुनियां भूल गयी कि आज ‘विश्व शांति दिवस’ है| पाकिस्तान के प्रधान मंत्री नवाज शरीफ तो इस शांति दिवस पर चीन ,रूस और इंडोनेशिया के दम पर , भारत के खिलाफ मानो युद्ध का शंखनाद कर उठे | …….२०१६ का ..अटॉमिक पॉवर वाला पाकिस्तान कैसे अपनी 1971 वाली मार को भूल सकता था | मार खाते खाते मिमियाता पाकिस्तान यदि किसी शेर के आगे दहाड़ने लगे तो शेर कैसे अपने आप को दहाड़ने से रोक सकता है | जिस शेर की दहाड़ का भारत ही नहीं विश्व भी लोहा मानने लगा है, वो भी भूल गया की विश्व शांति दिवस पर शांति जप ही करना उचित होगा | …………………………………………………………….२१ जून से योग करते करते मन पर संयम नहीं रखा जा सका | योग के अष्टांग का ध्यान मन को संयमित कर शांति प्रदान करता है | यदि ध्यान के साथ गायत्री मन्त्र का जप भी हो तो साधक कभी विचलित नहीं हो पाता…| भयंकर क्रोधी दुर्वासा मुनि ,परशुराम ,विश्वामित्र भी योगाभ्यास और गायत्री मन्त्र से अपने .को संयमित रखते थे | स्वर्ग की अप्सराएं भी उनको विचलित नहीं कर पाती थीं ……………………………………………..2 octobar ..भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जन्म दिन स्वच्छता अभियान से भी जुड़ गया है |बिना स्वच्छता शांति नहीं मिल सकती है | मनुष्य को शांति पाने के लिए स्वच्छता तीन तरह से करनी पड़ती है | मन से, बचन से, कर्म से …| गाँधी जी के तीन बन्दर यही शिक्षा देते हैं | ….मन को स्वच्छ करने का सर्व सुलभ मार्ग योग कहा गया | जिसका प्रचार प्रसार मोदी युग से पहिले भी खूब हुआ | किन्तु मोदी जी ने इसको नयी उंचाईयों पर पंहुचाया , २१ जून को ‘विश्व योग दिवस’ स्थापित करके | किन्तु योग को सर्व सुलभ करते करते मोदी जी इस शांति मार्ग से भटक गए ,मोदी जी के अनुसार योग इस लोक की शांति के लिए ही होता है | जबकि योग का अर्थ ही आत्मा का परमात्मा से साक्षात्कार करके शांति पाते मोक्ष्य होता है | मोक्ष्य यानि जहाँ जन्म मरण से मुक्ति और परम शांति ….| ………………………………………मन की शांति योग से होती है योग से इन्द्रियां संयमित रहती हैं किन्तु योग को भोग के लिए करते शांति का सफाया हो जाता है | जब मन ही शांत नहीं हो पायेगा तो बचन कैसे शांति कारक हो सकेंगे | जब बचन ही कडुवे होंगे तो कर्म कैसे शांति कारक होंगे | ……………………………………….शांति का एक सुगम मार्ग है युद्ध ……युद्ध की हर मारकाट का अंत शांति कारक होता है | राक्षशों का नाश करके भगवन भी शांति की स्थापना करते रहे हैं | भगवन कृष्ण ने भी महाभारत से युद्ध के बाद शांति की स्थापना की थी | सम्राट अशोक ने भी भयंकर युद्ध के बाद शांति की स्थापना करते बौद्ध धर्म की स्थापना की | हर विश्व युद्ध भी शांति की स्थापना कर सका | …….हिन्दू मान्यता के अनुसार ब्रह्मा जी श्रष्टि करते हैं | विष्णु पालन करते हैं | और जब श्रष्टि के जीव पाप की अति करते हैं तो शिव का तांडव प्रलय लाता है | फिर जीव मनुष्य परम शांति पाता है |……………………………………गुट निरपेक्षता का जनक भारत ,पाकिस्तान को सबक सिखाने और विश्व गुरु बनने की चाह लिए गुटों का स्रजन कर रहा है | एक तरफ भारत और अमेरिका , यूरोप ,और सहयोगी हैं तो दूसरी तरफ पाकिस्तान का साथ रूस, चीन ,इंडोनेशिया का गुट बनता जा रहा है | ………………….एक विश्वशनीय रूस से छितराये भारत को ,अमेरिका का साथ विश्वशनीय लग रहा है |…दगाबाज चीन का छल भी नजर नहीं आ रहा है | सर्वत्र दम्भ मैं डूबे नोजवान भारतीय जनता पार्टी के बोलों पर सुर मैं सुर मिलाया जा रहा है | …….संगत जैसी होती है वैसा ही असर हो जाता है ….कबीर दास ने कहा भी है कबीरा सांगत साधु की ……….किन्तु भारत की संगत तो अमेरिका से हो गयी है जिसने अपने दुश्मनों को सबक ही सिखाया है …वियतनाम ,,अफगानिस्तान ,,,इराक , जापान कौन भूल सकता है सबक को ..| .अब हिंदुस्तान भी इतना सशक्त हो चूका है कि वह अमेरिका की तरह ही सबक सिखा सकता है | अभी विश्व गुरु भी तो बनना है उसने ….| ………………………………………….पाकिस्तान हमारे पितरों का तर्पण नहीं कर रहा इसलिए उसको पानी अब नहीं दिया जा सकता | पाकिस्तान हमारे पितरों की जन्म स्थली थी | ……………………….महात्मा गाँधी का जन्म दिन इस बार अनोखा होगा | इसे स्वच्छता अभियान से जोड़ा जायेगा | कांग्रेस के राहुल गाँधी का खाट के शोर से शांति का सफाया होगा | तो यदुवंशियों के परिवार से उठे शोर से शांति का सफाया होगा | वहीँ हाथी की चिंघाड़ से वातावरण की शांति का सफाया होगा |,,,केजरीवाल की झाड़ू कैसे स्वच्छता अभियान मैं पीछे रह सकेगी |…स्वच्छता अभियान मैं शामिल आम आदमी के विधायकों को ही स्वच्छ किया जाना केजरीवाल को शांति का सफाया करने को मजबूर कर देगा | ………………..किन्तु सबसे भयंकर तो शोर तो पाकिस्तान को मुंह तोड़ सबक सिखाने का होगा | संजय (मीडिया ) की दिव्य दृष्टि केवल पाकिस्तान को सबक सिखाना ही देख और दिखा सकेगी | जिसका अप्रत्यक्ष रूप से उत्तर प्रदेश के चुनावों पर होगा | …………………………..श्रीमद्भागवत .गीता मैं भी भगवन श्री कृष्ण ने युद्ध से ही शांति को श्रेष्ट मानते अर्जुन को बार बार युद्ध को प्रेरित किया था | त्याग को महान मानते हुए भी भगवन श्रीकृष्ण को अंतिम शांति मार्ग युद्ध ही लगा था | भारतीय जनता पार्टी के सभी नेता गीता के प्रकांड विद्वान रहे हैं | अतः वे कैसे भगवन श्रीकृष्ण के युद्ध मार्ग को नकार सकते हैं | ………………………………….किन्तु बुजुर्ग कांग्रेस गाँधी वादी सिद्धांत को नहीं छोड़ सकी | महात्मा गाँधी ने पाकिस्तान त्यागा | जवाहर लाल ने तिब्बत त्यागा | लाल बहादुर शास्त्री ने जीता पाकिस्तान छोड़ा | चाहे उस त्याग के लिए उन्हें प्राणों को भी त्यागना पड़ा | इंदिरा गाँधी ने तो पूरा का पूरा पूर्वी पाकिस्तान ही त्याग दिया | बंगला देश बनाने के लिए जनता सरचार्ज रुपी टैक्स त्याग भोगती रही | ……………………………………………….बुजुर्गों मैं अनुभव होता है ,धैर्य होता है | वे शांति के लिए त्याग मार्ग ही चुनते हैं | किन्तु यौवन मैं शक्ति और पैतृक संपत्ति पर जोशीले युवा को युद्ध मार्ग से ही शांति मार्ग उत्तम लगता है | ………………………………प्रलय तो आनी ही है | प्राकृतिक तौर पर तो सुनिश्चित समय पर आएगी ही | किन्तु मनुष्य मैं शिव सी असीम शक्ति भी है जो समय से पाहिले प्रलय लाकर ॐ शांति शांति शांति ला सकती है | शांति को पाने का योग दिवस २१ जून योग के त्याग मार्ग से विश्व शांति दिवस तक भी शांति मार्ग न प् सका तो ,विश्व शांति दिवस पर युद्ध मार्ग से शांति के राह पर निकल पड़ा | …..शांति पाने के लिए ..महात्मा गाँधी का त्याग मार्ग उत्तम होगा या युद्ध मार्ग यह तो शांति पाने पर ही पता लगेगा | ……………………………...ॐ शांति शांति शांति

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