भगवन राम के रावण बध के बाद लंका विजय ,और अयोध्या मैं भव्य स्वागत दीपोत्सव के रूप मैं मनाया गया | वही परंपरा दीपावली के रूप मैं चली आ रही है | ……………………………...किन्तु महाराष्ट्र की चुनावी विजय एक अनोखी विजय होगी | अनुमान यही लगाया जा रहा है की नरेंद्र मोदी जी अपने सम्मोहन को बनाये रखेंगे | दो मराठा छत्रप, क्या एक गैर मराठा को दीपोत्सव चार दिन पहिले ही मनाने देंगे | क्या मराठा अपनी शक्ति द्विभाजित कर देंगे | क्या बंगाल ने गैर बंगालियों को दीपोत्सव मनाने दिया | क्या तमिलनाडु ने कभी गैर तमिल को दीपोत्सव मनाने दिया | उद्धव ठाकरे ,राज ठाकरे ,शरद पवार क्या मराठों की गैरत बुझने देगी | …………………………………………...अजीब होगा दीपोत्सव हारने वाला ही दीपोत्सव मनाएगा | भारतीय जनता पार्टी एग्जिट पोल के पॉज़िटिव फैसलों से ससंकित है | शिव सेना एग्जिट पोल को नकार रही है | हिन्दू और मराठा मानुषों पर उसे पूर्ण विश्वास है | शरद पवार कैसे अपने को कमजोर हाँक सकते हैं | कांग्रेस की शक्ति वही रहे हैं | जब साथ थे तब भी ,जब संगठन मैं रहे तब भी | सिर्फ मोदी की हार ही सम्पूर्ण विपक्ष मैं दीपोत्सव कर देगा | मोदी बंगाल मैं भी घुसे थे ,मोदी तमिलनाडु मैं भी घुसे थे ,लोक सभा मैं कुछ नहीं कर पाये तो क्या महाराष्ट्र मैं तोड़ फोड़ कर क्या उपजा लेंगे यही आत्म विश्वास गैर भाजपाई पाले हुए हैं | एग्जिट पोल गलत भी होते रहे हैं | यही विचार मग्न हैं गैर भाजपाई …| १९ अक्टूबर तक नींद तो लाएगा यह विचार | सिर्फ भा जा पा ही हार जाये बस दीपोत्सव पक्का | | ……………………………....राम की जीत पर विभीसन और उसके समर्थकों ने दीपोत्सव मनाया था | रावण की हार भी दीपोत्सव मनाने पर स्वाभविक होती गयी | राम जीत जाये तो क्या …राज्याभिषेक तो विभीसन का ही होगा | दीपोत्सव दीपावली २३ अक्टवर को राम के गृह प्रवेश पर होगी किन्तु मराठा राज्याभिषेक १९ को ही दीपोत्सव मना लेगा | …………………..चाहे नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र मैं बहुमत दिलाने मैं सफल हो या न हो ,भा ज पा और शिव सेना का नरम रूख यही सिद्ध कर रहा है की उद्धव ठाकरे ही मुख्य मंत्री की दौड़ मैं दीपोत्सव मनाते कुर्सी पर आसीन होंगे | ……………………………………………………………..…कांग्रेस भी यही चाहेगी की शरद पवार ही अपना मुख्यमंत्री बनायें | जोड़ तोड़ की गणित यही रास्ता देगी | दीपोत्सव के दरवाजे अब भी उसके पक्ष मैं हैं | ……………………………………………………………………….अजीब अनोखा होगा दीपोत्सव दुश्मन की जीत भी खुशियां देकर दीपोत्सव मानाने को मजबूर कर देगी ………………………... ओम शांति शांति शांति
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