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ब्लॉग ट्रैफिक बढाने के टिप्स-6

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आगे……………

कड़ियों का जमकर प्रयोग करें

आप अपने पाठकों को जितना ज्यादा देंगे, वे आपके उतने ही मुरीद होते जाएंगे और बारंबार आपके ब्लॉग पर आते रहेंगे. आप अपने ब्लॉग के जरिए अपने पाठकों की सबसे बड़ी सेवा उनका ज्ञानवर्धन के जरिए कर रहे होते हैं. और इसका सबसे सरल तरीका है पाठकों को इंटरनेट की कड़ियाँ प्रदान करना. यह इंटरनेट की खासियत है. एक छोटा सा पेज गहन ज्ञान के पृष्ठों की सैकड़ों कड़ियाँ समो सकता है. तो आप जिस विषय पर बात कर रहे होते हैं, जिस विषय पर आपने अपना पोस्ट ठेला है, उसके संबंधित काम की कड़ियाँ अपने पाठकों के लिए अवश्य डालें.


इस बात से निश्चिंत रहें कि कड़ियों को क्लिक कर आपके पाठक नए साइटों में चले जाएंगे और वापस आपके चिट्ठे पर नहीं आएंगे. यदि उन्हें आपके द्वारा प्रदत्त कड़ियों में काम की चीजें मिलती हैं तो वे इसका जिक्र कई मौकों पर करते हैं और आपके अगले पोस्ट का इंतजार करते हैं. पर ये भी ध्यान रखें कि आपका पोस्ट कड़ी की झड़ी न बन जाए जहाँ काम की चीजों को ढूंढ पाना मुश्किल हो – यहाँ भी पाठक के बहुमूल्य समय का ध्यान रखें.


अपने पाठकों को बेवकूफ़ न समझें

अपने पाठकों को अपने से ज्यादा स्मार्ट भले ही न समझें मगर अपने स्तर का स्मार्ट तो समझें ही. तो, किसी विषय पर लिखने व उसे पोस्ट करने से पहले अपने विषय ज्ञान को परख लें, लिखे हुए की सत्यता को प्रमाणित कर लें नहीं तो दूसरे ही पल आपके ज्ञान की वाट लगने ही वाली है समझें. साथ ही, यदि आपको किसी दूसरे के चिट्ठे में कोई चीज गलत नजर आती है तो अपने को सदा-सर्वदा-सर्वज्ञानी-महाज्ञानी मान कर पंडिताई न झाड़ें. सभ्य भाषा में गलती की ओर इंगित करें. गलतियाँ होती हैं. बोलें इस तरह जैसे कि आप सही हैं, परंतु सुनें इस तरह जैसे कि आप गलत हैं.


निजता से दूर रहें

चिट्ठाकारी के दौरान पोस्टों या टिप्पणियों में चाहे वे अपने स्वयं के ब्लॉग पर हो या दूसरे ब्लॉगों में, वार्तालाप और विचार-विमर्श के दौरान व्यक्तिगत होने से बचें. जरा से कहे गए व्यक्तिगत शब्द वातावरण में कड़ुवाहट घोलने में देरी नहीं करते. आमतौर पर स्वस्थ विचारविमर्श स्वस्थ मीडिया – जिनमें ब्लॉग भी शामिल है, जरूरी है, मगर निजी और व्यक्तिगत छींटाकसी से सारा गुड़ गोबर हो जाता है.


ऐसे समय में क्या करें? याद रखें कि विचार विमर्श विषय केंद्रित हो, व्यक्ति केंद्रित नहीं. किसी व्यक्ति के अभिप्राय, उसके ज्ञान या उसके मोजे के रंग पर प्रश्नचिह्न न लगाएँ. बस उस विषय पर अपना मत दें, कि उस विषय में आपके क्या विचार हैं. वह भी संयत, मृदु और सरल, संक्षिप्त भाषा में. निरपेक्ष पाठक आपके विचारों से सहमत होंगे, और यदि नहीं भी हुए तो वे आपके विचारों का आदर ही करेंगे.


विश्वासघात न करें

बहुतेरे चिट्ठाकार अपनी निजी जिंदगियों के बारे में अपने पोस्टों में लिखते रहते हैं. ठीक है. ब्लॉग आपका है, आप चाहे जो लिख सकते हैं. मगर, सिर्फ अपने बारे में. दूसरों के बारे में नहीं. और दूसरों की व्यक्तिगत जिंदगियों के बारे में तो कतई नहीं. एक विश्वसनीय चिट्ठाकार होने के नाते आपको दूसरे व्यक्ति की निजता का आदर करना चाहिए. दूसरे किसी से की कभी गई चर्चा, दूसरों के ईमेल, उनकी अन्य जानकारियाँ इत्यादि न छापें. यदि छापना आवश्यक लगे तो पहले अनुमति ले लें. यदि आप ऐसी चीजें गाहे बगाहे या यदा कदा छाप देते हैं, तो लोग आपसे कतराएंगे और आपके सामने कुछ भी कहने से हिचकेंगे कि पता नहीं कब ये पोस्ट बनकर नेट की दुनिया में चला आए! इसीलिए, लोगों का विश्वास बनाए रखें.


अपने ब्लॉग पेज को भानुमति का पिटारा न बनाएँ

जब आप किसी दुकान में जाते हैं तो कोई चीज खरीदते समय सबसे पहले उसके रूप रंग को देखते हैं. और जो चीज ज्यादा आकर्षक लगती है, उसे पहले उठाते हैं. मगर फिर बाद में उसकी उपयोगिता को भी ठोंक बजाकर देखते हैं. तो आपका ब्लॉग साफ सुथरा और पठन-पाठन में आसान हो. साइडबार में विजेटों का मेला न लगाएँ. बहुत से ब्लॉगों में साइडबार में घड़ी लगाया हुआ दिखता है. हर कंप्यूटर के तंत्र तश्तरी में जब घड़ी मौजूद रहता है तो ब्लॉग के साइडबार में घड़ी लगाना बेवजह तो है ही, ये पेज लोड में भी देरी करता है.


चित्रों का भरसक प्रयोग करें

जहां तक बन पड़े अपने ब्लॉग पोस्ट में एकाधिक चित्र लगाएं. इससे आपका ब्लॉग रंग व जीवंतता से भरपूर हो जाता है. पर सुनिश्चित हों कि चित्र किसी दूसरे की सम्पत्ति न हों. नेट से उतारे गए चित्र कॉपीराइट न हों. कॉपीलेफ़्ट, मुफ़्त चित्र प्रयोग करें. यदि आप जाने अनजाने ऐसे चित्रों का प्रयोग करते हैं जिनके बारे में कॉपीराइट का संज्ञान नहीं होता है, तो चित्र की साभार कड़ी अवश्य दें.


जब तक मजा है ब्लॉगिंग में, तब तक टिकें वरना तम्बू उखाड़ लें

ये मेरी आखिरी सलाह है. कोई भी काम ऐसा न करें जिसमें मजा न हो. और फिर, ब्लॉगिंग है ही मजे के लिए. जब आपको आपकी अपनी ब्लॉगिंग में मजा नहीं रहेगा तो आपके पाठकों को क्या खाक मजा आएगा आपकी पोस्टों को पढ़ने में! ब्लॉगिरी आपको कोई करोड़पति तो नहीं बना रहा है तो फिर मजबूरी में ब्लॉगिंग क्यों? पर ये बात भी जानें कि ब्लॉग का एक पोस्ट भी मजे में लिख लेना अपने आप में एक पुरस्कार है. तो अपने आप को नियमित, मजे लेकर पुरस्कृत करते रहें!


सार संक्षेप:

वेब डिजाइन

1 अपने ब्लॉग को व्यवस्थित रखें. इसे साफ सुथरा व आसानी से पठन योग्य रखें
2 सामग्री जमाकर रखें. आपके ब्लॉग की तमाम सामग्री आपके पाठक को आसानी से उपलब्ध हो इसकी व्यवस्था करें
3 यह सुनिश्चित करें कि आपकी साइट त्वरित गति से लोड हो
4 रंगबिरंगे व विविध आकारों के फ़ॉन्ट प्रयोग न करें. पाठ पढ़ने में आसान हो ऐसी रंग व्यवस्था करें. सफेद पृष्ठभूमि पर काला पाठ सर्वश्रेष्ठ योजना है.
5 चित्रों का प्रयोग करें. श्वेत स्थान (व्हाइट स्पेस) प्रचुर मात्रा में प्रयोग करें


वेब ट्रैफ़िक

1 उन विषयों पर लिखें जो आपके लिए दिलचस्प हैं, तभी वे आपके पाठकों के लिए भी दिलचस्प होंगी.
2 अन्य ब्लॉगों पर भी विचारविमर्श में हिस्सा लेते रहें. परंतु मात्र अपनी उपस्थिति यत्र तत्र दर्ज न करवाते रहें. यदि आप विचारविमर्श में गूढ़ और गहन विचार रखेंगे तो सबका ध्यान खीचेंगे, और लोग आपके ब्लॉग पर अवश्य उपस्थिति देंगे
3 अपने पसंद के ब्लॉगों को अपने ब्लॉग में लिंकित करें दें. समय समय पर उनका जिक्र करते रहें.
4 टैग्स व श्रेणी का प्रयोग हर ब्लॉग पोस्ट में करें. पर, एक ही पोस्ट में चार दर्जन टैग्स न लगाएं
5 सम-सामयिक विषय पर लिखें. यदि आप वर्तमान समसामयिक विषय पर लिखते हैं तो लोगों का रुझान ऐसे विषयों पर जाहिर है अधिक होता है और वे ऐसे विषयों पर अधिक जानकारियाँ पाना चाहते हैं
6 नियमित लिखें. आप नियमित रहेंगे तो आपके पाठक भी आपको पढ़ने के लिए नियमित बने रहेंगे


बढ़िया पोस्ट का रहस्य

1 जिसके बारे में आपको ज्ञान हो, उसी विषय पर लिखें. उथले ज्ञान का प्रदर्शन न करें. इंटरनेट पर आपकी अज्ञानता का भंडा फूटने में सिर्फ एक क्लिक की देरी होती है.
2 उन तमाम सामाजिक-राजनीतिक विषयों के बारे में लिखें जिनके बारे में आपको लगता है कि आपको अपने विचार प्रकट करने चाहिएँ.
3 कोशिश करें कि आपके ब्लॉग में लोगों को खास चीज मिलती है जो अन्यत्र नहीं मिलती (जैसे कि इस ब्लॉग में व्यंज़ल – 🙂 – रवि) – अब चाहे वो विचार हो, हास्य-व्यंग्य हो या 4 कविता कहानी कार्टून या फिर कुछ और. अन्यथा कोई भला आपके ब्लॉग को पढ़ने कौन आएगा?
5 कड़ियाँ प्रदान कर अपने पाठकों का भला करें और उनके ज्ञान में वृद्धि करें.
6 संक्षिप्तता में समग्रता के नियम का पालन करें. पाठक के समय का लिहाज करें. सादा, सरल लिखें.


कॉपीराइट नियम

1 इंटरनेट पर कोई भी किसी भी तरह की वस्तु डिफ़ॉल्ट से कॉपीराइटहोती है – वे सामग्री भी जिनमें कॉपीराइट नोटिस नहीं हैं
2 किसी अन्य के पोस्ट को बिना अनुमति के पूरा का पूरा न उतारें. संदर्भ देते हुए मूल सामग्री की कड़ी अवश्य दें.
3 उद्धरण देना अच्छी बात है, मगर कड़ियाँ अवश्य दें.
4 अपने ब्लॉग सामग्री के लिए कॉपीराइट नोटिस अवश्य लगाएँ. चाहे वो क्रिएटिव कामन्स हो या ग्नू – जीपीएल जैसा मुक्त स्रोत का ही क्यों न हो.”

साभार: अमित वर्मा

क्रमश:


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