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सुपर स्टार अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग पर यश चोपड़ा के निधन को फ़िल्म जगत से ज़्यादा अपनी निजी क्षति बताया है.
अमिताभ बच्चन ब्लॉग की शुरुआत ही इन शब्दों से करते हैं, “चौवालीस साल का साथ अचानक ख़त्म हो गया. वो बहुत जल्दी और बहुत अचानक चले गए. यश चोपड़ा एक मित्र पहले थे, एक दिग्गज रचनाकार बाद में.”
अमिताभ बच्चन लिखते हैं कि उनसे अंतिम मुलाकात दस दिन पहले अमिताभ बच्चन के जन्म दिन पर हुई थी. वो लिखते हैं कि यश चोपड़ा बीमार थे और डॉक्टरों की आराम करने की सलाह के बावजूद जन्म दिन की बधाई देने आए.
ब्लॉग में अमिताभ बच्चन लिखते हैं, “जन्म दिन पर कहे गए उनके शब्द मेरे कानों में गूँज रहे हैं. मेरे काम की प्रशंसा तो उन्होंने की ही, इससे बढ़कर मुझे एक अच्छा बेटा और एक अच्छा इंसान बताया.”
अमिताभ बच्चन लिखते हैं कि एक दिन उन्होंने कहा कि किसी दिन आओ तो गपशप करते हैं, उस दिन न कोई काम होगा, न मुद्दे होंगे, सिर्फ गपशप होगी.
बेहद भावुक अंदाज में अमिताभ कहते हैं, “मैंने उनसे वादा किया कि आऊंगा, लेकिन अफसोस वादे को मैं निभा नहीं पाया.”
कठिन समय में मोदी को संघ की आती है याद: केशुभाई
गुजरात परिवर्तन पार्टी (जीपीपी) अध्यक्ष केशुभाई पटेल ने दावा किया कि चुनावी परिदृश्य कठिन होने के साथ ही गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अचानक संघ की याद आयी और वह उसके प्रमुख मोहन भागवत से मिलने पहुंच गए.
मोदी ने नागपुर स्थित संघ के मुख्यालय में संघ प्रमुख और अन्य शीर्ष पदाधिकारियों से मुलाकात की.
पटेल ने अपनी परिवर्तन यात्रा के सूरत शहर पहुंचने पर कहा, ‘चुनाव नजदीक आने पर मोदी को संघ और मोहन भागवत याद आये. इससे स्पष्ट रूप से यह बात साबित होती है कि राज्य में स्थिति उनके लिए काफी कठिन है इसीलिए वह उनसे मिलने के लिए नागपुर गए.’
उन्होंने कहा कि आखिर इतने सालों तक मोदी को नागपुर या संघ की याद क्यों नहीं आयी.
मोदी की कार्यशैली से असंतुष्ट पटेल ने हाल में भाजपा के अन्य असंतुष्ट नेताओं के साथ मिलकर एक नयी राजनीतिक पार्टी जीपीपी का गठन किया.
पिछले 10 माह से झाबुआ और इंदौर जिला जेल में बंद एक महिला कैदी के गर्भवती होने का मामला प्रकाश में आने के बाद मध्य प्रदेश प्रशासन में हड़कंप मच गया है। जेल मुख्यालय ने छुट्टी होने के बावजूद रविवार को ही झाबुआ और इंदौर जेल से रिपोर्ट मांगी। डीजी जेल ने झाबुआ कलेक्टर को भी मामले की जांच सौंप दी है। राज्य महिला आयोग ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए दोनों जेल से रिपोर्ट मांगी है।
मप्र के झाबुआ जिले की मेघनगर निवासी 35 वर्षीय महिला कैदी सास की हत्या के आरोप में 18 जनवरी से झाबुआ जेल में बंद है। तब से वह बिलकुल खामोश है। मजिस्ट्रेट के सामने भी बयान नहीं दिया तो उसे इलाज के लिए इंदौर एमवाय अस्पताल भेजा गया। 16 अक्टूबर को जब इंदौर आई तो जांच के दौरान पता चला कि वह गर्भवती है। इस घटना के बाद झाबुआ व इंदौर जिला जेल के साथ-साथ उसे झाबुआ से इंदौर लाने-ले जाने वाले सिपाही सहित सारी व्यवस्था संदेह के घेरे में आ गई है।
महिला ने शनिवार देर रात सिर्फ एक बार अपनी जबान खोली और कहा- ‘क्या बोलूं, किस-किस का नाम लूं?’ अस्पताल के मनोरोग विभाग के उस कमरे में जिसने भी अब तक उसकी खामोशी महसूस की थी, वे इन चंद लफ्जों से हिल गए। मौजूद स्टाफ ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया वह बोलती तो कुछ नहीं है, लेकिन जेल का नाम सुनते ही वह सिहर उठती है। रिपोर्ट में महिला को डेढ़ माह का गर्भ बताया गया है और इंदौर से झाबुआ डेढ़ माह पहले ही लौटी थी।
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