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दिल्ली गैंगरेप मामले में इसके चश्मदीद अवींद्र पांडे के मीडिया के सामने आने के बाद अब इस घटना की भेंट चढ़ी युवती के पिता भी दुनिया के सामने आ गए हैं। उन्होंने पहली बार एक अंग्रेजी अखबार से की गई बातचीत में अपनी बेटी और उसके दर्द की सच्चाई को बयां किया है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने अपनी आत्मरक्षा में प्राण गंवाए हैं। वह चाहते हैं कि उनकी बेटी का नाम दुनिया जाने और उन सभी को उससे हिम्मत मिले जो आए दिन इस तरह की घिनौनी हरकतों का सामना करती हैं।एक अंग्रेजी अखबार से की गई बातचीत में उन्होंने युवती के पिता ने बताया कि उन्हें गर्व है कि उनकी बेटी ने बहादुरी से उन दरिंदों का सामना किया। उन्होंने अपनी बेटी का नाम भी बताया है और कहा है कि दुनिया को उसका नाम जानना चाहिए, क्योंकि उनकी बेटी ने कोई गलत काम नहीं किया है। वह अपनी जान की हिफाजत करते हुए मरी है और दुनिया की दूसरी औरतों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन सकती है।
इस बातचीत में उन्होंने अपनी बेटी के नाम को उजागर करने की अनुमति देने के साथ उसका फोटो कहीं भी न दिखाए जाने की अपील भी मीडिया से की। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में मौजूदा कानूनों को नाकाफी बताते हुए उनमें बदलाव की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन अपराधों को रोकने वाले कानून को उनकी बेटी का नाम दिए जाने से उन्हें कोई एतराज नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता है तो यह उसके लिए एक सम्मान की बात होगी।अपनी इस बातचीत में उन्होंने उस वक्त का भी जिक्र किया जब वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थी। उन्होंने कहा कि बेइंतहा पीड़ा सहने के बाद भी वह जब उसके पास होते थे, तब वह खुश होती थी। उन्होंने कहा कि उस खौफनाक रात को वह और उनकी पत्नी बेटी के ग्यारह बजे तक घर न पहुंचने से परेशान थे। उन्होंने उसके और अवींद्र के मोबाइल पर भी फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। बाद में उन्हें करीब सवा ग्यारह बजे अस्पताल से फोन आया जिसमें बताया गया कि उनकी बेटी के साथ कोई हादसा हुआ है। वह तुरंत वहां गए और बाद में उन्होंने अपनी पत्नी और दोनों बेटों को भी वहां बुला लिया।
उन्होंने बताया कि जिस दौरान उनकी बेटी अपने बयान दे रही थी तो उनकी इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह उसको सुन सकें, लिहाजा वह वहां नहीं रुक पाते थे। बाद में उनकी पत्नी उन्हें इसकी जानकारी देती थी। लेकिन वह इतने खौफनाक थे कि उन्हें यहां पर बयान नहीं किया जा सकता है। इस भारत की बेटी के पिता ने उन खबरों का भी खंडन किया जिसमें युवती के अपने पुरुष मित्र से शादी करने की बात कही जा रही थी। उन्होंने साफ कहा कि यह संभव ही नहीं था क्योंकि वह अलग अलग जाति के थे। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी डाक्टर बन कर अपने परिवार को बेहतर जिंदगी देने की ख्वाहिशमंद थी।गौरतलब है कि 16 दिसंबर की रात को दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप के बाद छह आरोपियों युवती और उसके मित्र को चलती बस से बाहर फेंक दिया था। इसके बाद दोनों को ही दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन युवती की हालत बेहद खराब होने के बाद उसको सिंगापुर के अस्पताल में बेहतर इलाज के लिए भेजा गया था, जहां उसकी मौत हो गई। इस घटना के सामने आने के बाद से ही इसको लेकर प्रदर्शन का दौर जारी है।
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दिल्ली में सर्दी का रिकॉर्ड, एक डिग्री पहुंचा तापमान
दिल्ली में सर्दी का कहर बढ़ता ही है। पारा लगातार नीचे ही गिरता जा रहा है। आलम ये है कि आज सुबह पारा गिरकर एक डिग्री से. पर आ पहुंचा। मौसम विभाग के मुताबिक अभी कई दिनों तक सर्दी दिल्ली को जमाए रखेगी। वहीं, यूपी में 156 लोगों की ठंड की वजह से जान चली गई।
उत्तर भारत का मैदानी इलाका हाथ-पैर सुन्न कर देने वाली ठंड की चपेट में है। आगरा और रेवाड़ी [हरियाणा] में पारा लुढ़ककर क्रमश: 1.1 और 0.1 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा। राजस्थान के चुरू में भी पारा 0.8 डिग्री तक गिरा। राजधानी दिल्ली भीषण गलन से जूझ रही है। रविवार इस मौसम का सबसे सर्द दिन रहा। पारा 1.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। ठंड और कोहरे से यातायात व्यवस्था प्रभावित बनी रही। सौ से ज्यादा ट्रेनों और विमानों का आवागमन विलंब से हुआ। ठंड न बर्दाश्त कर पाने के कारण 21 लोगों की मौत की खबर है।
उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड में शीतलहर से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। यहां शाम ढलते ही कोहरा कहर बरपाने लगता है, जो अगले दिन दोपहर तक बना रहता है। इससे लोगों को आवागमन की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। अमृतसर में तापमान 0.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में बेघर 15 लोगों की ठंड से मौत हो गई। पंजाब में चार जबकि हरियाणा में दो लोग ठंड के शिकार हुए हैं। गलन से दैनिक जीवनचर्या बुरी तरह प्रभावित रही। रात शुरू होते ही सड़कों पर वीरानी छा रही है।
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दिल्ली गैंगरेप: कड़ी सजा से बचने के लिए आरोपियों की पैंतरेबाजी
दिल्ली गैंगरेप मामले की सुनवाई सोमवार से साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट में नियमित तौर पर शुरू हो जाएगी। वहीं आज ही इस मामले में नाबालिग को छोड़कर सभी अन्य आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस बीच वसंत विहार गैंगरेप मामले में गिरफ्तार आरोपी कड़ी सजा से बचने के लिए पैंतरेबाजी पर उतर आए हैं। रविवार को साकेत कोर्ट स्थित महानगर दंडाधिकारी के समक्ष पेशी के दौरान चार में से दो आरोपियों पवन गुप्ता और विनय शर्मा ने खुद को सरकारी गवाह बनाने की इच्छा जाहिर की। सरकारी गवाह बनने की बात कहने वाले दोनों आरोपी वे ही हैं, जिन्होंने गिरफ्तारी के बाद अदालत में पेशी के दौरान खुद को फांसी दिए जाने की मांग की थी।
कानून के जानकार इसे सजा में नरमी के लिए चाल करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि दोनों आरोपियों को गवाह बनाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पुलिस के पास पर्याप्त सबूत हैं। सामूहिक दुष्कर्म के चार आरोपियों को न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने पर रविवार को साकेत कोर्ट में महानगर दंडाधिकारी च्योति कलेर के समक्ष पेश किया गया था। अदालत ने चारों को 19 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। हालांकि इनकी सोमवार को संबंधित अदालत में पेशी होगी। वहीं, पांचवां आरोपी नौ जनवरी तक न्यायिक हिरासत में है। छठे आरोपी की सुनवाई जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में चल रही है।
पेशी के दौरान इन आरोपियों को सरकार की ओर से वकील मुहैया कराने की पेशकश की गई, लेकिन विनय शर्मा और पवन गुप्ता ने इन्कार कर दिया। उन्होंने सरकारी गवाह बनने की इच्छा जाहिर की। इसके लिए अदालत ने उनसे संबंधित अदालत में अर्जी देने को कहा। वहीं आरोपी राम सिंह और मुकेश ने कानूनी मदद के लिए अदालत से वकील की मांग की। इन्हें वकील मुहैया कराया जाएगा।
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