Menu
blogid : 12311 postid : 41

ऐसा ही होता है….

kaduvi-batain
kaduvi-batain
  • 39 Posts
  • 119 Comments

(रचना काल- १४ मई , २०१३ )

ऊपर छत पे चाँद आता रहा|
नीचे वो रोज पहरे लगाता रहा|

निकम्मा हो गया एक दिन वो, जो
हराम की रोटियां ता-उम्र खाता रहा|

बूड़े माँ-बाप की इज्ज़त ना कर सका कभी|
अपने बच्चों को जो इज्ज़त करना सिखाता रहा|

पूछने आया था बीमार का हाल एक मेहरबां|
वो अजीब शख्श अपनी परेशानियाँ ही बताता रहा|

Copyright@Himanshu Nirbhay

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply