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विदेशी लूट आखिर कब तक?

kaduvi-batain
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आजकल FDI की चर्चा हर तरफ है और पुरजोर विरोध भी हो रहा है. कहा जा रहा की ये विदेशी लूट देश के स्वदेशी छोटे कारोबारियों को बर्बाद कर देगी. किन्तु ये विदेशी लूट तो पिछले कई वर्षों से खुले आम चल रही है. क्या कभी हमने इस बात पे विचार किया की किस तरह भारतवर्ष में कारोबार कर रही विदेशी कम्पनियाँ किस तरह से वर्षों से हमारे धन को लूटकर अपने देशों में ले जाती रही हैं.? यदि नहीं तो ज़रा गौर फरमाइए निम्नलिखित चंद आकड़ों पर.

१. Hindustan Unilever Ltd नामक कम्पनी जो की ब्रिटेन और होलैंड का सयुंक्त उपक्रम है, ने वर्ष १९३३ में महज ३३ लाख रुपये का निवेश करके व्यापार आरम्भ क्या. यह कम्पनी प्रतिवर्ष १४७०० करोड़ रुपये का सालन मुनाफा कमाती है और २१७ करोड़ रुपये विदेश ले जाती है.

२. एक दवा कम्पनी है-नोवार्टिस. लगभग ४० वर्ष पहले १५ लाख रुपये के छोटे से निवेश से भारतवर्ष में व्यापार आरम्भ किया और इसका शुद्ध लाभ ९४ करोड़ ४६ लाख रूपया प्रतिवर्ष है जो की देश से बाहर जाता है.

३.एक और अमेरिकन कंपनी COLGATE PAMOLIVE ने लगभग ७० साल पहले १३ लाख रुपये का निवेश कर व्यापार आरम्भ किया. इस कम्पनी का सालाना मुनाफा २३१ करोड़ रूपया है जो की हर वर्ष अमेरिका चला जाता है.

४. होलैंड की एक कंपनी PHILLIPS ने ४०-४५ साल पहले १ करोड़ ५० लाख का निवेश कर व्यापार आरम्भ किया. इसका प्रतिवर्ष शुद्ध लाभ १९० करोड़ है जो की ये होलैंड लेजाती है…प्रति वर्ष.

५. एक और अमेरिकन कम्पनी GOOD YEAR TYRE है जिसका आरंभिक निवेश २ करोड़ ३७ लाख रुपये था. यह कम्पनी प्रतिवर्ष ४० करोड़ रुपये का मुनाफा कमाकर अमेरिका ले जाती है.

६. ३० वर्ष पहले एक ब्रिटिश कम्पनी GLAXO ने ८ करोड़ ४० लाख रुपये का निवेश करके व्यापार आरम्भ किया और इसका प्रतिवर्ष शुद्ध लाभ ५३७ करोड़ ६६ लाख है जो की हर साल ब्रिटेन चला जाता है.

७. एक और कम्पनी है PFIZER जो की अमेरिका की है. इसने २ करोड़ ९० लाख का निवेश कर व्यापार आरम्भ किया और हर साल ३३८ करोड़ का मुनाफा कमाकर अमेरिका ले जाती है……

८. ITC (INDIA TOBBACO कंपनी) एक अमेरिकन कम्पनी है जिसने ३७ करोड़ की लागत से भारत में व्यवसाय आरम्भ किया और यह कम्पनी हर साल ३ हज़ार १२० करोड़ रूपया शुद्ध लाभ कमाकर अमेरिका ले जाती है.

ये तो महज़ कुछ आंकड़े हैं. न जाने कितनी कम्पनियाँ इस तरह हमें लूट रही है. एक इस्ट इंडिया कम्पनी गयी और हज़ारों उसके प्रतिरूप आगये. FDI इस दिशा में महज़ एक बड़ा कदम भर है. ध्यान रहे की आजादी के बाद से देश पर हुकूमत अधिकतर कांग्रेस पार्टी की ही रही है जो की खुद एक लुटेरी संस्था है (बताने की आवश्यकता नहीं की कैसे और क्यूँ?)

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