ikshit
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खूब जम कर खेलो होली
पर ना भूलो
जो आग दिल की
खुद को चुपके-चुपके
बूँदों में घोल कर है बोली…
कि कुछ तो रंज है
कुछ तो गम है
इंसान ही कहीं बहुत कमजोर
बहुत बेदम है…
आज भी बयान दर्ज हुआ है
वो बदला लेंगे…
पर किस से?
फिर एक सैनिक की ही मौत होगी
और “वो” कहेंगे…
देश की इज़्ज़त
“हमने” बचा ली…
लो, मार लो
एक और गोली
हैप्पी होली.
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होली का हुड-दंग
हो ऐसा
कि दिल में उठे शोरगुल !
खेलो जम कर होली
राधा-कृष्ण
तुम्हारे अंदर इंसान
आज ढूँढ रहे हैं गोकुल !!!
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