awaaz
- 30 Posts
- 39 Comments
ब्रम्हांड का केंद्र है नारी,
सृष्टि में नवजीवन का संचार है नारी,
संस्कारो का मूल तत्व है नारी,
समाज का अभिमान है नारी,
कभी लक्ष्मी और कभी चंडी है नारी,
कभी जल की तरह शीतल और कभी अग्नि की तरह ज्वलनशील है नारी,
कभी सर्जनकर्ता और कभी विनाश है नारी,
सिर्फ एक दिन के सम्मान की मोहताज नहीं है नारी,
सदियों से अपने जिन हको के लिए लड़ रही है नारी,
अब तो उन हको को सहर्ष पाने की हक़दार है नारी,
Read Comments