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चमक-दमक, रोशनी इतनी की आंखें चौंधिया जाएं और किसी भी हद को पार करने का जुनून यह सभी बातें पढ़ने में बेहतरीन लगती हैं पर जब यही बातें वास्तविक जीवन में प्रवेश कर जाती हैं तो जिंदगी में उथल-पुथल का माहौल बन जाता है. जैसे ज्यादा रोशनी में आंखें चौंधिया जाती हैं और जुनून में बहुत बार व्यक्ति ऐसी गलतियां कर जाता है जिसका खामियाजा उसे अपनी तमाम उम्र चुकाना पड़ता है. सिनेमा की दुनिया में ऐसा ही होता आया है. पर्दे की चमक-दमक देख लोग इस दुनिया के प्रति आकर्षित तो हो जाते हैं पर पूर्ण सच को जाने बिना.
क्या है सिनेमा की दुनिया का पूर्ण सच ?. सिनेमा जिसे दर्शकों के मनोरंजन का साधन माना जाता है उसका पूर्ण सच इतना हैरतंगेज है कि जिसे पढ़ शायद आपके दिल में अपने पसंदीदा शख्सियत के लिए सहानुभूति पैदा हो जाए. सिनेमा की दुनिया में मुकाम तक पहुंचने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है और कई ऐसे त्याग करने पड़ते हैं जिसकी हामी उनका जमीर भी उन्हें नहीं देता है. इसके बावजूद भी सिनेमा जगत की हस्तियां उस काम को करती हैं. एक अभिनेत्री हो या फिर एक अभिनेता दोनों को ही राजनीति के मैदान में खड़े किसी नेता की तरह सत्ता सुख प्राप्ति की इच्छा होती है. सिनेमा की दुनिया में सत्ता सुख का अर्थ है किसी शख्सियत का उस मुकाम तक पहुंच जाना जहां हर फिल्म निर्देशक और निर्माता की पसंद केवल वो ही हो.
सिनेमा जगत में अपनी पहचान बनाने के लिए त्याग करना, किसी भी चुनौती के लिए तैयार रहना और जरूरत पड़ने पर अपनी निजी जिंदगी को भी दाव पर लगा देना वास्तव में यह सभी बातें युद्ध में खड़े किसी सिपाही की ओर इशारा करती हैं. हां, सिनेमा जगत में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष करने वाले व्यक्ति की स्थिति युद्ध में खड़े उस सिपाही की तरह ही होती है जिसे जीत हासिल के लिए हंसते हुए हर कदम पर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
हम कोई नई बात आपको नहीं बता रहे हैं. उपर्युक्त लिखी गई सभी बातें ना जाने आपने कितनी बार पढ़ी होंगी पर हां, जिस बात की कल्पना हम आपको कराने जा रहे हैं, शायद ही कभी उस बात की कल्पना आपने अपने जहन में की हो. आपकी जिंदगी उस मोड़ पर ठहर गई है जहां चारो तरफ केवल अंधेरा है और आपको ऐसे में एक भी ऐसा रास्ता नहीं नजर आ रहा है जो आपको उस अंधेरे से बाहर निकाल सके. यदि ऐसे में आपसे कहा जाए कि आपको इस अंधेरे रास्ते से बाहर निकल ऐसे अंधेरे वाले रास्ते में प्रवेश करना है जहां दिखाई देने वाली रोशनी मात्र भ्रम है. तो क्या आप ऐसे अंधेरे वाले रास्ते को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाएंगे. इस समय जो भी इस लेख को पढ़ रहा होगा उस पाठक का जवाब ना ही होगा पर हमारी फिल्मी हस्तियां रोशनी का भ्रम पैदा करने वाले रास्तों को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लेती हैं या फिर कुछ हस्तियां तो उस अंधेरे में ही अपनी जिंदगी को समेट लेती हैं.
ऐसा नहीं है कि फिल्मी हस्तियां जानती नहीं हैं कि दिखाई देने वाली चमक-दमक केवल भ्रम है. उन्हें यह बात अच्छे से पता होती है कि ‘जो आज मुकाम उनका है कल वो किसी और का होगा, कल जो किसी और का हुआ तो परसों किसी और का होगा’. रोते हुए चेहरे पर भी मुस्कान दिखाते हुए दर्शकों का मनोरंजन करना, अपनी निजी जिंदगी के अस्तिव को समाप्त कर देना, पर्दे की दुनिया में अपनी पूरी जिंदगी को समेट लेना और इन सब बातों के त्याग के बाद मुकाम हासिल हो तो अगले पल ही उस मुकाम को हंसते हुए किसी और को सौंप देना..बस यही सच्चाई है फिल्मी दुनिया की.
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