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सिनेमा का एक दौर वह भी था जब फिल्म की एक टिकट के लिए गोलियां तक चल जाती थीं, बॉलिवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना और एवरग्रीन देव आनंद को देखने के लिए लड़कियां अपनी छतों से कूद जाती थीं। कलाकार पर्दे पर अभिनय भी करते थे और पार्श्व गायक ना होने की वजह से वह संगीत में अपनी आवाज भी देते थे। लेकिन अब जमाना बदल गया है। अब सिनेमा इतना ग्लैमरस हो गया है कि आप इसकी चकाचौंध में खो जाएंगे।
शूटिंग से लेकर अदाकारी तक, सितारों से भरी इस महफिल का सब कुछ जैसे बदल सा गया है। ग्लैमर की यह मायानगरी तो बदल ही गई है लेकिन साथ में बदला है दर्शकों का नजरिया अपने पसंदीदा सितारों के लिए। हालांकि ऐसे बहुत से लोग हैं जो पर्दे के सितारों को असल जिंदगी में देखने के लिए तरसते हैं लेकिन सच यही है कि आज वो दीवानगी नहीं देखी जा सकती जो पहले देखी जाती थी।
सिनेमा का वो पहला नायक, पहली बोलती फिल्म, पहला खलनायक और पहला आयटम डांस…….हिन्दी सिनेमा की दुनियां शुरू से लेकर अब तक बेहद खास और मजेदार रही है। इतना ही नहीं इस रंगीन दुनिया के जहन में कई गहरे राज भी दफ्न है और इन सभी राज से पर्दा उठाएंगे हम। हम आपके समक्ष एक बिल्कुल नया, ताजातरीन ब्लॉग कैटेगरी पेश कर रहे हैं जो भारतीय सिनेमा के ‘कल आज और कल’ के बारे में बताएगा। तो बस जुड़े रहिए हमारे साथ और जानिए हिन्दी फिल्म जगत की कुछ बेहद महत्वपूर्ण और चटपटी जानकारियों को। सिनेमा के इतिहास से जुड़ी छोटी से छोटी किंतु बेहद रोचक दास्तानों को इस सफर के दरमियान इस ढंग से परोसा जाएगा ताकि आप अपने पसंदीदा क्षेत्रों से जुड़ी हर जानकारी पा सकें और लोगों को अपने विस्तृत फिल्मी ज्ञान से अभीभूत कर सकें।
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