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इन 13 हजार साल पुराने कंकालों में छिपी है मानव के पहले कत्लेआम की दास्तां

इतिहास खुद को कितना भी छुपा ले, सालों बाद उसके अवशेष मिल ही जाते हैं. इन अवशेषों से ही पता चल पाता है कि प्राचीन सभ्यता के लोग कैसे जीते थे. फ्रांस के वैज्ञानिक ब्रिटिश संग्रहालय के सहयोग से एक ऐसे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं जिसका इतिहास 13 हजार साल पुराना है.


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दरअसल वैज्ञानिक हजारों साल पुराने ‘मानव कंकाल’ पर काम कर रहे हैं. अपने शोध में उन्होंने पाया किया कि यह कंकाल उस समय के सांप्रदायिक हिंसा को दर्शा रही है. सहारा रेगिस्तान के बॉर्डर (जेबेल सहाबा कब्रिस्तान सुडान) से मिले इंसानी कंकालों से पता चलता है कि यहां पहला मानव नरसंहार हुआ था. कंकालों पर लगे खरोच यह बताती है कि इस मानव नरसंहार में खतरनाक हथियारों का प्रयोग किया गया था. बताया जा रहा है कि जिन पीड़ितों का यह कंकाल हैं वह सभी आधुनिक अफ्रीकियों के पूर्वज हैं.


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जेबेल कब्रिस्तान की खोज अमेरिकी पुरातत्व के वैज्ञानिक ने 1965 में कर ली थी. उस समय उन्हें 60 ऐसे कंकाल मिले जो 13 हजार साल पुरानी है. 2002 में इन्हीं कंकालों को ब्रिटिश संग्रहालय को सौप दिया गया था. तब से लेकर आज तक इन कंकालों पर काम चल रहा है. इस बीच शोध में यह भी पता चला है कि उन 60 कंकालों में से एक कंकाल ऐसा है जिसके 39 टुकड़े किए गए थे.


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ये कंकाल आज भी लंदन संग्राहलय में प्रदर्शन के लिए रखे गए हैं. इस संग्राहलय में खतरनाक बाणों के उन टुकड़ों को भी रखा गया जिसका इस्तेमाल पीड़ितों पर हमला करने के लिए किया गया था.


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