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84 साल पहले ऐसा दिखता था कनॉट प्लेस, आज कभी भी ढह सकती हैं 900 इमारतें!

दिल्ली में शाहजहां ने जब ‘शाहजहानाबाद’ शहर को बसाया था तब उनके दिमाग में कई तरह की रूपरेखा थी. वह इस बात से वाकिफ थे कि आने वाले समय में यह शहर विश्व में पहचान बनाएगा. ऐसा ही हुआ… आज पुरानी दिल्ली के नाम से मशहूर शाहजहानाबाद विश्व के बड़े बाजार और पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है. लेकिन इस छोटे से शहर का जितना दोहन हुआ है इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. अतिक्रमण, जर्जर इमारतें, बढ़ती आबादी, अपराध आदि ऐसी चीजें हैं जिसने शाहजहानाबाद की खूबसूरती को खत्म कर दिया है.

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जो हाल आज पुरानी दिल्ली का है वही हाल उसके महज कुछ दूरी पर स्थित ‘लुटियन की दिल्ली’ कनॉट प्लेस का भी हो चला है. बढ़ती भीड़ भाड़ और ऊंची-ऊंची इमारतों की वजह से आज यह भारी दबाव झेल रही है. हालांकि पुरानी न होकर नई दिल्ली होने की वजह से यहां हर चीज थोड़ी व्यवस्थित लगती है. इसके बावजूद इस छोटे से जगह पर हर शाम इतनी भीड़ एकत्रित होती है जैसे आधी दिल्ली को इसने अपनी गोद में ले लिया हो.

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कनॉट प्लेस की रूपरेखा तैयार करने वाले रॉबर्ट टॉर रसेल ने 1933 में जब इसे बनाया था तब इसे ‘ड्यूक ऑफ कनॉट’ के नाम से जाना जाता था. यह बाजार ब्रिटिश शाही परिवार के लिए बनाया गया था. समय बदलने के साथ ही न केवल इस जगह के नाम को बदला गया बल्कि यहां बढ़ती भीड़ भाड़ ने इसके असल वजूद को खत्म कर दिया है.


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वित्तीय, वाणिज्यिक और व्यापार की दृष्टी यह क्षेत्र देश के सबसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में से एक है. यहां दिन के वक्त करीब एक से डेढ़ लाख लोग मौजूद रहते हैं. शनिवार और रविवार को यह संख्या दोगुना हो जाती है. सर्कल में बने बाजारों की इमारतों पर इतना दबाव है कि वह कभी भी गिर सकती हैं! इसका ताजा उदाहरण पिछले एक महीने में कनॉट प्लेस की दो इमारतों का ढहना है.


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पहला हादसा 2 फरवरी को हुआ था, जबकि दूसरी इमारत की छत 10 फरवरी को गिरी. ये दोनों हादसे रात के वक्त हुए, इसीलिए कोई हताहत नहीं हुई. लेकिन अगर इन दोनों इमारतों की छतें दिन के वक्त गिरी होतीं, तो किसी की जान भी जा सकती थी.

निर्माण के 84 वर्ष गुजर जाने के बाद कनॉट प्लेस की इमारतें अंदर से खस्ताहाल और जर्जर हो चुकी हैं, जिस वजह से ऐसी घटनाए घट रही हैं. एनडीएमसी के मुताबिक इस क्षेत्र में बनी 900 से अधिक इकाईयां जर्जर स्थिति में है. इसके लिए इन इकाईयों को ढांचे में बदलाव करने या कार्रवाई का सामना करने के लिए नोटिस जारी किया गया है.

इसके अलावा पिछले हफ्ते कनॉट प्लेस में छत पर बने लगभग 21  रेस्तरां को सील कर दिया गया है जो खतरनाक स्थिति में है. ऑडिट टीम की रिपोर्ट में बताया गया है कि जनरेटर सेट, फर्नीचर, पानी के टैंक और अन्य भारी उपकरणों के वजन की वजह से इमारतों की छतें कमजोर हो रही हैं…Next


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