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संत के श्राप का दंश झेल रहा है ये राजवंश, 55 साल से ज्यादा नहीं रहता कोई जीवित!

महाभारत काल से ही श्राप बहुत प्रसिद्ध रहे हैं. ऐसा माना जाता है श्राप कभी न कभी अपना प्रकोप जरूर दिखाते हैं. वो चाहे गांधारी द्वारा श्रीकृष्ण को दिया गया श्राप हो या अश्वत्थामा को श्रीकृष्ण से मिला श्राप.  समय आने पर सही साबित हुआ है. इसी तरह हम फिल्मों में भी देखते हैं कि किसी परिवार के पूर्वजों को मिला श्राप उनकी कई पीढ़ियां सदियों से भुगत रही है. जैसे आपको बॉलीवुड की शापित फिल्म तो याद ही होगी, जो श्राप पर आधारित थी.

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इसी तरह बॉलीवुड में कई फिल्में श्राप के इर्द-गिर्द घूमती है, लेकिन क्या आपने सोचा है कि श्राप सिर्फ पुराने समय या फिल्मों में ही नहीं हुआ करते बल्कि असल जीवन में भी मिले श्राप का प्रभाव पड़ता है. आइए, हम आपको बताते हैं देश के एक मशहूर परिवार को मिले श्राप के बारे में. आपको मशहूर राजनेता माधव राव सिंधिया तो याद ही होंगे, जिनकी एक हवाई दुर्घटना में मौत हो गई थी. सिंधिया के शाही परिवार के बारे में ग्वालियर में एक कहानी बहुत प्रचलित है, जिसके अनुसार सिंधिया परिवार को एक श्राप मिला था.



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दरअसल, यहां के कई लोग सिंधिया परिवार के इतिहास से जुड़ी एक कहानी बताते हैं, जिसके अनुसार के एक बार महादजी सिंधिया को एक संत मिले, जिन्होंने महादजी को एक रोटी उनकी पत्नी को खाने के लिए दी. जिससे उनके घर में सुख और समृद्धि हमेशा बनी रहे. महादजी ने ऐसा ही किया लेकिन उनकी पत्नी ने सिर्फ आधी ही रोटी खाई, बाकी रोटी फेंक दी. ये देखकर संत बहुत गुस्से में आ गए और उन्होंने पूरे सिंधिया परिवार को श्राप दिया कि उनकी सात पीढियां कभी भी 55 साल से ज्यादा जीवित नहीं रह पाएंंगी.


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नहीं लेगा.



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अब इस श्राप में कितनी सच्चाई है ये दावे के साथ तो कहा नहीं जा सकता, लेकिन श्राप की ये कहानी ग्वालियर में दशकों से चलती आ रही है…Next


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