इंसान जीवन भर सुख-शांति के लिए मेहनत करता है. अपने जीवन में सुख और समृद्धि की बयार चलती रहे इसके लिए इंसान हमेशा जतन करता रहता है. प्राचीन ग्रंथों में घर की सुख और समृद्धि बनाए रखने के लिए कई उपाय बताएं गए हैं. आपने अपने बड़े-बुजुर्ग को ऐसी कई बातों पर अमल करते देखा होगा जिसे आप देखकर भी नजरअंदाज करते हैं. बदलते परिवेश के साथ आज के नौजवान ऐसी बातों को नहीं मानते. लेकिन इन पर अमल नहीं करना आपकी सफलता में सबसे बड़ी बाधा बन सकती है.
घर में ऐसी कई वस्तुएं पड़ी होती हैं जो उपयोग के बाद टूटी-फूटी हालत में बेकार पड़ी रहती है. कई बार इस तरह की वस्तुओं को देखकर मन में तनाव आते हैं. ये चीजें पारिवारिक सदस्यों में मानसिक तनाव, कलह-क्लेश और दरिद्रता का कारण बनती हैं. अगर इन्हें अपने घर से निकाल दिया जाए तो कई परेशानियों का समाधान होता है. आइए बारी-बारी से जानते हैं इन बेकार पड़ी वस्तुओं के दुष्परिणाम के बारे में.
1. घर में कभी भी टूटे-फूटे बर्तन नहीं रखना चाहिए. टूटे-फूटे बर्तन रखने से घर में दरिद्रता का वास होने लगया है.
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2. कई बार ऐसा होता है कि हम टूटे शीशे से ही काम चलाते रहते हैं, परन्तु ऐसा नहीं करना चाहिए. घर में किसी भी रूप में रखे टूटे शीशे से बरकत कम होती है.
3. यदि किसी दंपत्ति के कमरे का बैड टूटा हुआ हो उनके रिश्ते पर नकारात्मक प्रभाव के साथ रिश्तों में दरार और दूरियां बढ़ने लगती है.
4. घर में घड़ी का लगातार चलते रहना विकास का प्रतीक है. अंडाकार, गोल, अष्टभुजाकार और षट्भुजाकार घड़ीयां बहुत ही शुभ मानी जाती हैं.
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5. यूं तो ताजमहल को प्रेम का प्रतीक माना जाता है और इसे लोग घर में भी रखते हैं. परन्तु इससे दंपत्ति में प्रेम बढ़ने की बजाय दूरीयां बढ़ती हैं.
6. यदि घर का मुख्य द्वार टूटा हो या उसमें किसी भी तरह का विकार हो तो उसे तुरंत ठीक करना चाहिए, क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा को घर में आने का मार्ग मिल जाता है.
7. घर में पॉजिटिव एनर्जी बनाए रखने के लिए शीशम, महुआ, अर्जून, बबूल, खैर, नागकेशर के पेड़ की लकड़ी वाला फर्नीचर रखना चाहिए. Next…
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