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हत्या, डकैती और अपहरण किए बगैर यूं बना ली दाऊद ने करोड़ों की संपत्ति

छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद से जुर्म की दुनिया का सबसे बड़ा खिलाड़ी दाऊद इब्राहिम सुर्खियों में है. दाऊद कब गिरफ्त में आएगा यह कहना मुश्किल है लेकिन जो लोग सोचते हैं कि दाऊद ने सिर्फ हत्या, अपहरण, स्मगलिंग और डकैती जैसे अपराध करके ही आगे बढ़ा है तो उन्हें दाऊद के बारे में पूरी जानकारी नहीं है. दाऊद ने पैसे कमाने के लिए जो अन्य तरीके अपनाए कहने के लिए तो वे भी अपराध हैं लेकिन ये अपराध इतने शातिराना है कि इन्हें जानकर कोई भी दंग रह सकता है.


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हुसैन जैदी द्वारा लिखी किताब ‘डोंगरी टू दुबई’ में दाऊद के काम करने के तरीके के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है. इसका एक उदाहरण ये है..


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एक बहुत ही महत्वपूर्ण सामान जिसकी किमत बहुत ही अधिक हो मुंबई के बंदरगाह पर उतारा जाता है. मान लीजिए इस वस्तु का कंसाइंमेंट नंबर एबीसी123 है. दाऊद के आदमी उसका नंबर बदल देंगे जैसे एबीसी456. इसके बाद वे बंदरगाह में ही कहीं उस कंसाइंमेंट को छुपा देंगे. जब कंसाइंमेंट की डिलीवरी की बारी आएगी तो कंसाइंमेंट नंबर एबीसी123 कहीं नहीं मिलेगा जिस कारण अधिकारी उस कंसाइंमेंट को गुमशुदा मान लेंगे. यात्रा के दौरान गुम हुए इस कंसाइंमेंट के लिए अयातकर्ता इंश्योरेंस की मांग करेगा और इंश्योरेंस कंपनी से उसके लिए 100 प्रतिशत रिफंड प्राप्त कर लेगा.


इसके बाद दाऊद के आदमी आयातकर्ता से संपर्क साधेंगे और कंसाइंमेंट की असल कीमत से आधे दाम पर देने का प्रस्ताव देंगे. जाहिर सी बात है कि आयातकर्ता इस प्रस्ताव को खुशी-खुशी स्वीकार कर लेगा क्योंकि उसे पहले ही अपने समान की पूरी कीमत मिल चुकी होती है और अब उसका सामान आधी कीमत पर मिल रहा होता है.


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इस तरह से आयातकर्ता को सस्ते में सामान मिल जाया करता था और दाऊद को बिना कुछ किए सामान का आधा दाम. इंश्योरंस कंपनी जहां बेहद कम पॉलिसी के लिए क्लेम आता है उसके लिए यह रकम सागर में एक बूंद की तरह होती है. इससे उसके प्रॉफिट मार्जिन पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. जाहिर सी बात है कि सिस्टम के अंदर भी दाऊद के आदमी काम कर रहे थे वरना इस ट्रिक को इतनी बार सफलता से इस्तेमाल करना संभव न होता. Next…


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