द डेडली ट्राएंगल, शैतानों का टापू आदि नामों से जाना जाने वाला बरमूडा ट्राएंगल पृथ्वी के सबसे रहस्मयी और हैरतंगेज स्थानों में से एक है. प्यूर्टोरिको, फ्लोरिडा और बरमूडा नामक तीन स्थानों को एक-दूसरे के साथ जोड़ने वाला यह त्रिकोण अटलांटिक महासागर में अमेरिका के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित है. एक लंबे समय से यह त्रिकोण वैज्ञानिकों और आम जन-मानस की उत्सुकता और जिज्ञासा का केन्द्र बना हुआ है, जिसका कारण यहां से गुजरने वाले समुद्री जहाजों और नावों का गायब हो जाना है. बरमूडा के इस खतरनाक ट्राएंगल की सीमा में प्रवेश करने के बाद हवाई जहाज और समुद्री जहाज यकायक अपना रास्ता भटक जाते हैं और ना जाने किस दुनियां में खो जाते हैं. ना तो जहाज में सवार लोगों का ही कुछ पता चलता है और ना ही किसी भी प्रकार का कोई अवशेष हाथ लगता है.
वैसे तो इस रहस्यमयी ट्राएंगल के विषय में बहुत सारी कथाएं प्रचलित हैं लेकिन अभी तक कोई भी इन घटनाओं की हकीकत तक नहीं पहुंच पाया है. बरमूडा ट्राएंगल से जुड़े अनेक तथ्यों में सबसे ज्यादा भयानक तथ्य यह है कि यह त्रिकोण अब तक 8, 000 लोगों को गायब कर चुका है या फिर उनकी जान ले चुका है. इस ट्राएंगल ने अब तक जिन जहाजों को अपना शिकार बनाया है उनमें से मुख्य हैं:
यूएसएस साइक्लोप्स – अमेरिका का यह लापता जहाज बरमूडा ट्राएंगल से जुड़ा सबसे बड़ा रहस्य है. मार्च 1918 में यूएसएस साइक्लोप्स 309 जहाज कर्मियों को लेकर निकला. बरमूडा ट्राएंगल को पार करते समय यह खो गया और आज तक इस जहाज का कुछ भी पता नहीं चला है. ना तो जहाज कभी मिला और ना ही जहाज में सवार लोग. उस दिन मौसम भी अनूकूल था. यहां तक कि जहाज में मौजूद क्रू सदस्य भी यही कह रहे थे कि उन्हें कोई भी समस्या नहीं है.
कुछ लोग बरमूडा के इस ट्राएंगल को दूसरे ग्रह से आए लोगों का शोध केन्द्र मानते हैं. उनका कहना है कि समुद्र के नीचे एलियन विभिन्न शोधों को अंजाम देते हैं और वह नहीं चाहते कि मनुष्य उनके कार्य में बाधा उत्पन्न करें, इसीलिए वह यह सब करते हैं. बरमूडा के इस छुपे रहस्य को जांचने के लिए कई वैज्ञानिकों द्वारा निम्नलिखित सिद्धांतों पर विचार किया जा रहा है:
इन सब सिद्धांतों और कथाओं के अलावा बरमूडा ट्राएंगल को एक पौराणिक कथा के साथ भी जोड़कर देखा जा रहा है कि जब हनुमान जी समुद्र पारकर लंका जाने लगे थे तो उन्हें एक ऐसी राक्षसी का सामना करना पड़ा था जो किसी भी जीव की परछाई को बंदी बना सकती थी. हो सकता है यहां भी ऐसी कोई शक्ति हो या फिर सच में यह दूसरे ग्रह के प्राणियों का शोध केन्द्र हो. लेकिन अभी इस ट्राएंगल की हकीकत को समझने में बहुत लंबा समय लग सकता है.
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