रीगल सिनेमा’, जो दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित है लेकिन आज के बाद यहां कोई फिल्म नहीं दिखाई जाएगी और ऐसा 85 साल साल में पहली बार होगा.
1932 से चल रहा है रीगल सिनेमा
राजधानी दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित रीगल सिनेमा इतिहास में ही याद रहेगा, 1932 में बने इस सिंगल स्क्रीन सिनेमा को आज बंद किया जा रहा है. 1932 में बना राजधानी के पहले प्राइम सिंगल स्क्रीन थिएटर रीगल सालों से दिल्ली में चल रहा था. इस सिनेमा हॉल से जुड़े कर्मचारियों और प्रशंसकों की मांग पर थिएटर में आखिरी दिन ‘राज कपूर की मेरा नाम जोकर’ और ‘संगम’ दिखाई जाएगी.
नेहरू, इंदिरा, अटल भी थे रीगल के दीवाने
राजनीति की नामचीन हस्तियां जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी की यादें भी इस थियेटर से जुड़ी हुई है. रीगल थियेटर में तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन ने अपनी पत्नी के साथ यहां नाटकों का लुत्फ उठाया है. एक दौर था जब यहां चार आना (25 पैसे) में टिकट मिलता था, फिर यह बढ़कर 2 रुपये फिर पौने तीन रुपये से लेकर अब यह 100 से 200 रुपये तक पहुंच गया है. मगर रीगल जैसी ऐतिहासिक धरोहर में फिल्म देखना लोगों के लिए खास है.
शोमैन राजकपूर का पंसदीदा था रीगल
1932 में शुरू हुआ इस हॉल से शोमैन राजकपूर को विशेष लगाव था, रीगल को ‘नई दिल्ली का प्रीमियर थिएटर’ कहा जाता था. राज कपूर ने अपनी कई फिल्मों का प्रीमियर इस हॉल में कराया था. उनकी कई फिल्मों ने इसी हॉल में सिल्वर जुबली और गोल्डन जुबली पूरी की, राजकपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर ने भी इस हॉल में अपने कई मशहूर नाटकों का मंचन किया था.
ऋषि कपूर हुए भावुक कहा धन्यवाद
आज जब रीगल हमेशा हमेशा के लिए बंद हो रहा है तो ऐसे मौके पर ऋषि कपूर खुद की भावनाओं को रोक नहीं पाए और एक ट्वीट करते हुए रीगल को धन्यवाद दिया उन्होंने लिखा कि, ‘दिल्ली का रीगल थिएटर बंद हो रहा है एक ऐसी जगह, जहां कपूर परिवार के सभी नाटक एवं सिनेमा प्रदर्शित किए गए. मेरी पहली फिल्म ‘बॉबी’ का प्रीमियर भी यहीं हुआ था’.
दर्शकों का अकाल झेल रहे सिनेमा के आखिरी दो दिन शो हाउसफुल रहे और लोगों ने टिकट को ऑनलाइन भी खरीदा. अब ये हॉल हट जाएगा और वहां पर एक मल्टीप्लेक्स बनेगा…Next
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