पैसे पाने के लिए लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं जिसका सटीक उदाहरण दिया है हमें ऑस्ट्रेलिया की एक युवती एलिजाबेथ (एल्ले) ने. इसी साल फेसबुक पर एक मुहिम चलाई गई, ‘हेल्प फॉर एल्ले’ के नाम से. कहा जा रहा था कि एल्ले अंडाशय के कैंसर से पीड़ित है जिसे इलाज के लिए कुछ पैसों की जरूरत है.
लोगों ने सुहानुभूति दिखाते हुए उस फेसबुक पेज को ज्वाइन करना शुरु कर दिया. कुछ समय में ही काफी लोग इस मुहिम से जुड़ गए. यह सब एकता व भाईचारे की एक बेमिसाल तस्वीर दर्शाता है.
अपने फेसबुक पेज के यूजर्स को एल्ले के समर्थकों ने समय-समय पर जानकारी प्रदान करना शुरु कर दिया. एल्ले की कीमो थैरेपी के लिए फेसबुक पेज पर स्टेटस अपडेट किये गए. हजारों लोगों ने पैसों के जरिये अपना योगदान दिया. कुछ समय के बाद एल्ले द्वारा उस फेसबुक पेज पर सिर के बालों को मुंडवाते हुए उसकी तस्वीरें भी डाली गईं ताकि उसके मददगारों को उसकी हर पल की खबर मिलती रहे.
इतना ही नहीं, विभिन्न क्षेत्रों से पैसा इकट्ठा करने के लिए जगह-जगह पर ‘हेल्प फॉर एल्ले’ के नाम से दुकानों व जान-पहचान के लोगों तक डिब्बे भिजवाए गए जिसमें दान राशि डालने के लिए आवेदन किया गया. इसके साथ ही एल्ले के समर्थकों द्वारा कुछ कप केक भी बनाए गए जिनके लिए डोनेशन के नाम पर बोली लगाई गई. बकायदा फेसबुक पेज पर एक नोटिस डाला गया जिसमें यह लिखा था कि इन कप केक के लिए जो जितनी ऊंची बोली लगाएगा उसे ही यह मिलेगा.
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इन सबके बाद एक वेबसाइट ‘गो फंड मी’ को तैयार किया गया जिसे लोगों तक इंटरनेट के माध्यम से पहुंचाया गया. इस साइट पर आकर भी लोगों ने काफी पैसा दान किया. इस साइट को खासतौर पर एल्ले के कैंसर ट्रीटमेंट के लिए पैसे जोड़ने के लिए तैयार किया गया था.
आखिरकार 31 अक्टूबर को उसी फेसबुक पेज पर एक ऐसा पोस्ट डाला गया जिसे देख सभी समर्थकों को काफी दुख पहुंचा. नहीं, एल्ले को कुछ नहीं हुआ. इस पोस्ट में लिखा गया कि पेज एडमिन जो इस फेसबुक पेज की सारी गतिविधियों का ध्यान रखती है उसे खबर मिली कि एल्ले को कभी कैंसर था ही नहीं और यह सब केवल एक षडयंत्र था लोगों से पैसा चुराने का.
यह बताते हुए पेज एडमिन जिसका नाम जेस्सिका बताया गया है, उसने एक लंबा-चौड़ा स्टेटस अपडेट किया जिसमें उसने कहा कि अभी-अभी उसको किसी से खबर मिली कि एल्ले कभी भी अंडाशय कैंसर से पीड़ित नहीं थी और यह सब एक धोखा था. लेकिन उसके तुरंत बाद उसने आगे लिखा कि अब वो दान के लिए इक्ट्ठा किया गया सारा धन ऑस्ट्रेलिया के ही ‘कैंसर रोगी संस्था’ को दान कर देगी जहां उसके कुछ रिश्तेदार इस बीमारी से लड़ रहे हैं.
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उसने आगे लिखा कि जो लोग इस तरह आम लोगों के साथ धोखा करते हैं उन्हें कारागार में डाल देना चाहिए. कुछ दिन बाद जेस्सिका ने एक और पोस्ट लिखा जिसमें उसने बताया कि दान के लिए भेजे गए दो डिब्बे उसके पास आए हैं जिससे वो कुछ जरूरतमंद बच्चों की मदद करेगी.
अब इस बात में कितनी सच्चाई है और कितना झूठ यह पता लगाना मुश्किल था लेकिन जिन लोगों ने सच में दान किया था उनका गुस्सा सुनामी की तरह उस फेसबुक पेज पर फूट गया. लोगों ने यह शिकायत की कि अगर एल्ले ने सच में धोखा दिया तो उसे सजा मिलनी चाहिए. कुछ ने तो यह भी मांग की कि अगर एल्ले बीमार नहीं है और एडमिन के पास पैसा आ रहा है तो उसे नियम के हिसाब से सबको उनका पैसा वापिस करना चाहिए.
लोगों के बढ़ते विरोध ने जेस्सिका को मुश्किल में डाल दिया और उसे मजबूर किया कि वो लोगों को शांत करे. उसने फिर से एक स्टेटस अपडेट किया जिसमें उसने कहा कि मैं सबका पैसा वापस करने को तैयार हूं. यदि कोई अपना पैसा वापस नहीं लेने आएगा तो वो उसे एक अस्पताल को दान कर देगी.
उधर पुलिस द्वारा भी इस मामले में प्रतिक्रिया दिखाई गई और कहा गया कि पुलिस इस धोखाधड़ी पर जांच कर रही है और जल्द ही गुनाहगारों को सजा मिल जाएगी.
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