रिंग के अंदर लाल कपड़ा पहनी हुई 8 लड़किया तैयार खड़ी हैं. सामने एक मजबूत सांड खड़ा है. लड़किया सांड को तबतक चिढ़ाती हैं जबतक कि वह उनपर हनला नहीं कर देता. लड़कियों के हाथ में कोई हथियार नहीं. खुद को सांड के गुस्से से बचाने के लिए कोई औजार नहीं. अगर उनके पास कुछ है तो सिर्फ हिम्मत, जिसके सहारे वे भीमकाय सांड से भीड़ जाती हैं. दर्शक दीर्घा में बैठे लोग कभी डर से सिहर जाते हैं तो कभी लड़कियों की बहादुरी देख उत्तेजित हो जाते हैं. मिलिए लड़कियों के इस गैंग से जिनका पेशा है खतरानक सांडों से मुकाबला करना.
खतरनाक सांडों से दो-दो हाथ करने वाली मेक्सिको और पुर्तगाल की इन महिलाओं को फॉरकडाज कहा जाता है. जिस रिंग में सांड से लड़ाई की जाती थी उसमें एक सीढ़ी थी जो कि शाही कैबिन की ओर जाती है. तब पुरूषों के एक समूह जिन्हें फॉरकडाज कहा जाता था वे सांड को इस सीढ़ी पर चढ़ने से रोकते थे. इसके लिए वे एक नोक वाले भाले का इस्तेमाल करते थे जिसे फॉरकाडो कहा जाता था. इसी नाम से सांड से लड़ने वालों को फॉरकडाज कहा जाने लगा.
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लेकिन आधुनिक युग में सांड से लड़ाई के दौरान फॉरकाडो का महत्व सिर्फ प्रतिकात्मक ही रह गया है, इसका प्रयोग सिर्फ उद्घाटन समारोह के दौरान ही किया जाता है. आधुनिक युग में सांडों से लडाई के दौरान लड़ाके का मकसद सांड के चेहरे को पकड़ना रहता है. इसमें लड़ाके सबसे पहले सांड को हमला करने के लिए उकसाते हैं फिर सांड से लड़कर उसे बस में करते हैं.
सांड से निहत्थे लड़ना पुरुषों के समूह के लिए भी खतरनाक जान पड़ता है. लेकिन ये महिला लड़ाके भी किसी भी तरह से पुरूष लड़ाकों से कम नहीं हैं. फॉरकडाज ऑफ मज़ातलान और फॉरकडाज ऑफ क्यूरेनटनास नाम के, सांडों से लड़ने वाली महिलाओं का समूह मेक्सिको में बेहद मशहूर है. हाल ही में पुर्तगाल में भी आठ किशोरियों ने सांडों से लड़ने के लिए एक समूह बनाया है. हालांकि पुर्तगाल में सांडों को मारना गैरकानूनी है. पुर्तगाल में सांडों के सिंग को काट दिया जाता है ताकि वे लड़ाकों के शरीर में सिंग न घोप सकें लेकिन बावजूद इसके बुलफाइटर्स के सांडों द्वारा कुचले जाने का डर बना रहता है. Next…
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