चौंकिए मत! और ना यह सोचिए कि इस खबर के शीर्षक में कोई गड़बड़ी है. हां हम जानते हैं कि डेंगू और चिकनगुनिया जैसे रोगों का कारण मच्छर है, पर वैज्ञानिक ऐसे मच्छरों को प्रयोगशाला से बाहर छोड़ने के फिराक में है जो इंसानों को डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाएंगे. ये मच्छर उन मच्छरों को खत्म करेंगे जिनके काटने से डेंगू और चिकनगुनिया होता है.
फ्लोरिडा में वैज्ञानिक ऐसे लाखों अनुवांशिक रूप से संशोधित या जेनेटिकली मॉडिफाइड मच्छरों को वहां की पारिस्थितिकी तंत्र में छोड़ने की योजना बना रहे हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि इन मच्छरों को खुले में छोड़ने के बाद डेंगू और चिकनगुनिया के लिए जिम्मेवार एडीज एजिप्टी (Aedes aegypti)मच्छरों की जनसंख्या में आश्चर्यजनक रूप से कमी आएगी वह भी वातावरण को बिना कोई नुकसान पहुंचाए. गौरतलब है कि विश्व के किसी भी कोने में अबतक डेंगू और चिकनगुनिया के खिलाफ कोई टीका मौजूद नहीं है.
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इन मच्छरों के डीएनए को संशोधित करके इनके डीएनए से कोरल और पत्ते गोभी के कुछ जीन्स जोड़े गए हैं साथ ही हर्प रोग के विषाणु और ई. कोली (E.coli)बैक्टीरिया के कुछ प्रोटीन के टुकड़े भी जोड़े गए हैं. यह संशोधन केवल नर मच्छरों में किया गया है. इस नर मच्छर और मादा एडीज मच्छरों के संसर्ग के बाद इनकी अगली पीढ़ी पनप नहीं पाएगी. ऐसे मच्छरों की संताने लार्वा स्टेज से पहले ही मर जाएंगी. वैज्ञानिकों का कहना है कि चूंकि किसी भी मादा मच्छर के डीएनए को संशोधित नहीं किया गया है इसलिए इसका दुष्प्रभाव इंसानों में फैलने की कोई संभावना नहीं है. क्योंकि केवल मादा मच्छर ही इंसानों को काटती हैं.
हालांकि बहुत से लोग इस परियोजना से आशंकित हैं. लोगों को डर है कि अगर गलती से कुछ मादा मच्छरों को भी जिनेटिकली मोडिफाई कर दिया जाता है तो इस परिवर्तन द्वारा मच्छरों में डाले गए हानिकारक जीन्स और प्रोटीन इंसानों में पहुंच सकते हैं जो कि बेहद घातक सिद्ध हो सकता है. गौरतलब है कि इससे पहले कई देशों में जिनेटिकली मोडिफाईड फसलों के वातावरण और इंसानों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को लेकर काफी विवाद हो चुका है. भारत में भी बी टी कॉटन और बी टी बैगन के बीजों पर काफी विवाद हुआ है.
इस योजना को लागू न करने के लिए फ्लोरिडा के नागरिकों ने चेंज डॉट ओआरजी नामक वेबसाईट पर एक अर्जी अपलोड की है जिसपर 145,000 लोगों के हस्ताक्षर हैं. इस अर्जी के मुताबिक फ्लोरिडा के नागरिकों को इस सनक भरे प्रयोग के लिए गिनी पिग बनाया जा रहा है. इन लोगों के अनुसार ऐसे मच्छर मसीहा नहीं बल्कि दानव सिद्ध होंगे. Next..
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