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1000 टन की दुनिया की सबसे वजनदार साइकिल को सड़कों पर दौड़ाया, लोग हुए हैरान

सपनों को पूरा करने की चाहत एक व्यक्ति को कल्पना के परे सोचने की शक्ति देती है, जिसके आधार पर वह कुछ अद्भुत कर अपनी क्षमता का प्रमाण देता है. ऐसा ही सपना देखा था जर्मन के 49 वर्षीय ‘फ्रैंक डोज़’ ने, सपना दुनियाँ की सबसे बड़ी साइकिल बनाने का.
साइकिल में इस्तेमाल हुए ट्रैक्टर के टायर
जी हाँ, फ्रैंक डोज़ ने इस विशाल साइकिल को बनाने के लिए स्क्रैप स्टील के साथ ट्रैक्टर जैसे टायरोँ का इस्तमाल किया है, जिनका व्यास 1.25 मीटर है. इस साइकिल को बनाने में लगभग 6 महीने का समय लगा और 3 सितम्बर 2016 को डोज ने अपनी सपनों की साइकिल की पहली सवारी का मज़ा लिया.
गिनीज बुक रिकॉर्ड में दर्ज है साइकिल
इस साइकिल का 940 किलोग्राम वजन वर्तमान के गिनीज बुक रिकॉर्ड होल्डर की 860 किलोग्राम की साइकिल से कहीं अधिक है. जर्मन की एक न्यूज़ एजेंसी की अनुसार, डोज दुनियाँ की भारी साइकिल का खिताब जीतने के बाद संतुष्ट नहीं हुए और 960 किलो की साइकिल के वजन में बढ़ोतरी कर इसको 1.08 टन का बना दिया है.
साइकिल का वजन 1000 किलोग्राम
जब डोज़ से इसका कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, “मैं चाहता था, मेरी साइकिल का वजन 4 नंबर के आंकड़ों को पार कर सके जिसके चलते मैंने इसके वजन में एडिटिंग कर इसको 1000 किलोग्राम का बना दिया. “जब  डोज़ पहली बार इस साइकिल पर सवार हुए तो वहां मौजूद लोगों के मन में संशय था कि यह विशाल और भारी साइकिल चल भी पायेगी या यह सिर्फ दर्शकों को दिखाने के लिए ही बनी है.
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1000 किलोग्राम की साइकिल सड़को पर चलती भी है
जैसे ही फ्रैंक डोज ने इस साइकिल में पैडल लगाया यह चल निकली जिसकी गवाह वहाँ खड़े 5000 दर्शक थे जिन्होंने इस अद्भुत नज़ारे को देख दाँतो तले उँगली दबा ली. वहीँ दूसरी तरफ इस अनोखे आविष्कार से डोज़ की पत्नी और उनका परिवार गर्व का अनुभव कर रहा है.
सब हंसते थे इस खोज पर
वह कहती हैं कि “मेरे हसबैंड ने असम्भव दिखने वाले कार्य को कर अपने मनोबल का परिचय दिया है. कुछ महीने पहले जब डोज़ ने अपने एक दोस्त को इसके बारे में बताया तो वह डोज के प्लान को सुनकर हँसने लगा और वही से डोज़ को इसको संभव कर दिखाने की प्रेरणा मिली”.
वर्ल्ड की सबसे भारी साइकिल के अविष्कारक का टाइटल जीतने के बाद अब डोज़ को अपना नाम गिनीज बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में दर्ज होने का इन्तजार है…Next
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सपनों को पूरा करने की चाहत एक व्यक्ति को कल्पना के परे सोचने की शक्ति देती है, जिसके आधार पर वह कुछ अद्भुत कर अपनी क्षमता का प्रमाण देता है. ऐसा ही सपना देखा था जर्मन के 49 वर्षीय ‘फ्रैंक डोज़’ ने, सपना दुनियाँ की सबसे बड़ी साइकिल बनाने का.


साइकिल में इस्तेमाल हुए ट्रैक्टर के टायर

जी हाँ, फ्रैंक डोज़ ने इस विशाल साइकिल को बनाने के लिए स्क्रैप स्टील के साथ ट्रैक्टर जैसे टायरोँ का इस्तमाल किया है, जिनका व्यास 1.25 मीटर है. इस साइकिल को बनाने में लगभग 6 महीने का समय लगा और 3 सितम्बर 2016 को डोज ने अपनी सपनों की साइकिल की पहली सवारी का मज़ा लिया.



गिनीज बुक रिकॉर्ड में दर्ज है साइकिल

इस साइकिल का 940 किलोग्राम वजन वर्तमान के गिनीज बुक रिकॉर्ड होल्डर की 860 किलोग्राम की साइकिल से कहीं अधिक है. जर्मन की एक न्यूज़ एजेंसी की अनुसार, डोज दुनियाँ की भारी साइकिल का खिताब जीतने के बाद संतुष्ट नहीं हुए और 960 किलो की साइकिल के वजन में बढ़ोतरी कर इसको 1000 टन का बना दिया है.



साइकिल का वजन 1000 किलोग्राम

जब डोज़ से इसका कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, “मैं चाहता था, मेरी साइकिल का वजन 4 नंबर के आंकड़ों को पार कर सके जिसके चलते मैंने इसके वजन में बदलाव कर इसको 1000 किलोग्राम का बना दिया. “जब  डोज़ पहली बार इस साइकिल पर सवार हुए तो वहां मौजूद लोगों के मन में संशय था कि यह विशाल और भारी साइकिल चल भी पायेगी या यह सिर्फ दर्शकों को दिखाने के लिए ही बनी है.


heavy cyle


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1000 किलोग्राम की साइकिल सड़को पर चलती भी है

जैसे ही फ्रैंक डोज ने इस साइकिल में पैडल लगाया यह चल निकली जिसकी गवाह वहाँ खड़े 5000 दर्शक थे जिन्होंने इस अद्भुत नज़ारे को देख दाँतो तले उँगली दबा ली. वहीँ दूसरी तरफ इस अनोखे आविष्कार से डोज़ की पत्नी और उनका परिवार गर्व का अनुभव कर रहा है.


Heaviest Bicycle


सब हंसते थे इस खोज पर

वह कहती हैं कि “मेरे हसबैंड ने असम्भव दिखने वाले कार्य को कर अपने मनोबल का परिचय दिया है. कुछ महीने पहले जब डोज़ ने अपने एक दोस्त को इसके बारे में बताया तो वह डोज के प्लान को सुनकर हँसने लगा और वही से डोज़ को इसको संभव कर दिखाने की प्रेरणा मिली”.


-heaviest-bike


वर्ल्ड की सबसे भारी साइकिल के अविष्कार का टाइटल जीतने के बाद अब डोज़ को अपना नाम गिनीज बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में दर्ज होने का इन्तजार है…Next


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