ये दुनिया बहुत रहस्यमयी है. कब, कैसे और क्या हो जाए इस रहस्य से ना तो कभी पर्दा उठ पाया है और जहां तक उम्मीद है कभी उठेगा भी नहीं. क्योंकि आए दिन हमारे सामने कोई ना कोई ऐसा रहस्य उठ खड़ा होता है जिसे देखने और जानने के बाद यह लगता है कि शायद इस रहस्यमयी दुनिया की रहस्यमयी दास्तां का कोई अंत नहीं है.
ताजा मामला जीसस क्राइस्ट से जुड़ा है, जिनकी पत्नी का उल्लेख कागज के एक बहुत पुराने टुकड़े के जरिए सामने आया है. प्राचीन काल से जुड़े इस पत्र की लिखाई को जब विशेषज्ञों द्वारा समझा गया तो जो तथ्य सामने आया वो काफी हैरान करने वाला था क्योंकि इस टुकड़े पर स्पष्ट रूप से लिखा है कि जीसस क्राइस्ट की एक पत्नी भी थीं. पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कागज के इस टुकड़े की लिखाई को जब ट्रांसलेट किया गया तो इसका अर्थ ‘जीसस सैड टू देम…माइ वाइफ’ अर्थात ‘जीसस ने उन्हें कहा….मेरी पत्नी…’ इस पंक्ति के साथ जीसस ने ‘मैरी’, बहुत हद तक संभव है मैरी मैगडेलन का भी जिक्र किया है.
गॉस्पेल ऑफ जीसस वाइफ के तौर पर प्रचारित कागज के इस टुकड़े की खोज वर्ष 2012 में हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी से जुड़े केरन किंग ने की थी. जैसे-जैसे गॉस्पेल ऑफ जीसस वाइफ को लोकप्रियता मिलने लगी, वैसे-वैसे इसकी सच्चाई और प्रमाणिकता की भी खोज शुरू हो गई. परंतु अफसोस, जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे ये बात सामने आ रही है कि जीसस की पत्नी की खबर से जुड़ा यह टुकड़ा नकली है.
केरन किंग को यह टुकड़ा कहां से मिला और किसने उन्हें यह दिया, वह इस बात को शेयर नहीं करना चाहते और ना ही इस ‘गॉस्पेल ऑफ जीसस वाइफ’ के इस टुकड़े के असली मालिक का नाम बताना चाहते हैं. जिस समय इस टुकड़े की खोज की गई थी उस समय केरन किंग ने इसे दूसरी शताब्दी में ग्रीक लोगों द्वारा लिखे गए गॉस्पेल की कॉपी कहा था जिसे चौथी शताब्दी में प्राप्त किया गया था. अब जबकि कार्बनडेटिंग तकनीक के जरिए इस टुकड़े की उम्र का पता लगाया गया तो यह सामने आया कि यह आठवीं या नौवीं शताब्दी का है. हार्वर्ड थियोलॉजिकल रिव्यू द्वारा लिखी गई रिपोर्ट में यह कहा गया कि गॉस्पेल ऑफ जीसस वाइफ को हैंस-उलरिश लाकांप द्वारा वर्ष 1999 में खरीदा गया था.
स्पष्ट तौर पर कोई नहीं जानता कि ‘गॉस्पेल ऑफ जीसस वाइफ’ कहां से आया और कौन इसे केरन किंग को देकर गया. जीसस की पत्नी की बात जहां तक है प्राचीन काल में बहुत से लोग यह मानते थे कि जीसस और मैरी मैगडेलन ने विवाह किया था, परंतु यह विवाह कभी उजागर नहीं हुआ. हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय के स्कॉलर्स इस टुकड़े की प्रमाणिकता की जांच नहीं कर पा रहे हैं. वह ना इसे सच मान पा रहे हैं और ना ही इसे झुठला पा रहे हैं. बहुत समय से जीसस की पत्नी से जुड़ी यह खबर चर्चा का विषय बनी हुई है और हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर इस बात को लेकर अपनी पीठ भी थपथपा रहे थे. लेकिन अब जब ‘गॉस्पेल ऑफ जीसस वाइफ’ की सच्चाई सबके सामने आने लगी है तो हॉर्वर्ड स्कॉलर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
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