‘जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि’ आपने ये पुरानी कहावत तो जरूर सुनी होगी. इसका मतलब है कि जैसे आपके विचार और सोच होगी, उसी हिसाब से दुनिया आपको दिखेगी. यानि दुनिया को देखने का हर व्यक्ति का अलग ही नजरिया है. इसी तरह एक लड़की का कुछ ऐसा ही अनोखा नजरिया विज्ञान के लिए भी एक चुनौती बन गया. दरअसल, जर्मनी की 37 वर्षीय इस महिला की कहानी ने दुनियाभर के डॉक्टरों को हैरत में डाल दिया है. एक दुर्घटना के बाद वह करीब एक दशक से दृष्टिहीन है.
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महिला एक अन्य गंभीर बीमारी से जूझ रही है. जिसका नाम है पर्सनॉलिटी डिसऑर्डर यानी वह कई बार अपनी पहचान भूल जाती है. लेकिन हैरत की बात ये है कि जब भी वह खुद को लड़का समझती है. उसकी आंखों की रोशनी लौट आती है. जैसे ही उसे अहसास होता है कि वह 37 वर्षीय बीटी है, उसकी दुनिया में फिर अंधेरा छा जाता है. साइक जर्नल में महिला की इस स्थिति के बारे में विस्तार से बताया गया है. उसकी पहचान उजागर न करते हुए उसका नाम सिर्फ बीटी लिखा गया है. इस लड़की के इस अजीबों-गरीब केस ने सबको हैरत में डाल दिया है. चार साल की साइकोथेरेपी के बाद बीते दिनों चमत्कार हुआ.
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थैरेपी सत्र के बाद पाया गया कि बीटी को मैगजीन के कवर पेज पर लिखा एक शब्द दिखाई देने लगा और वह उसे पढ़ भी पाई. 17 साल बाद ऐसा हुआ था. बाद में पता चला उस समय बीटी खुद को एक किशोर समझ रही थी. इस तरह पहचान के साथ-साथ रोशनी का आना-जाना जारी है. ईसीजी टेस्ट से पता चला कि अलग-अलग पहचान में होने पर दिमाग तक जाने वाले इलेक्ट्रिक रिस्पांस अलग-अलग तरह से काम कर रहे हैं. यही नहीं, आपको जानकर हैरानी होगी कि जब भी इस लड़की को पर्सनॉलिटी डिसऑर्डर का अटैक पड़ता है तो ये कभी अंग्रेजी बोलने लगती है तो कभी जर्मन भाषा…Next
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