भक्त और भगवान की कई कथाएँ हमारे धार्मिक ग्रंथों में मिलते हैं. इस धरती पर ऐसे भी भक्त हुए हैं जिन्होंने अपनी कठोर तपस्या और भक्ति से भगवान तक के सिंहासन को हिला दिया हैं. इतिहास गवाह है कि मानव ही नहीं, दानवों के तपस्या और भक्ति पर ईश्वर ने उसे वरदान दिया. धार्मिक ग्रंथों में आपने कई सच्चे भक्तों की कठोर तपस्या से लेकर ईश्वर के चरणों में अपनी जान तक अर्पित करने वाली कथाएँ सुनी होगी. गाहें-बगाहें आज भी कई ऐसे भक्तों की सच्ची भक्ति सुनने में आती है. ऐसे ही एक भक्त ने इस नवरात्र कठोर संकल्प ले रखा है.
हिमाचल प्रदेश, जिला सोलन के रोड़ी गांव में एक भक्त नागेश्वरी माता के मंदिर में कठोर तप कर रहा है. यह भक्त अपनी दाईं हथेली पर घी के दीप जलाकर व्रत रखा है. इस भक्त का नाम देवेंद्र उर्फ बंटी है. देवेंद्र पिछले सात नवरात्रों से लगातार अपनी हथेली पर दिया जलाकर उपवास कर रहा है. नागेश्वरी माता के मंदिर में इस भक्त की भक्ति अब आस-पास के गावों में कौतूहल का विषय बन चूका है.
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भक्त देवेंद्र ने यह संकल्प सात वर्ष पहले लिया था. इस संकल्प के पीछे देवेंद्र का कहना है कि एक रात माँ सरस्वती ने स्वप्न में दर्शन दिए. स्वप्न में माँ ने कहा कि हर नवरात्री दाईं हथेली पर दो दीप जलाए. तभी से भक्त देवेंद्र ने नौ दिनों तक हाथों में दीप जलाकर व्रत रखने का प्रण लिया. देवेंद्र के इस संकल्प में उनके गाँव के लोग दीप जलते रहने में उनका सहयोग कर रहे हैं.
इस संकल्प से अब गाँव के लोगों में और भी आस्था माँ के प्रति उत्पन्न हो गई है. देवेंद्र का कहना है कि यह तप जनकल्याण के लिए कर रहे हैं. देवेंद्र इस पूरे नौ दिन में मात्र रात को एक गिलास जूस पीते हैं. इस गाँव के प्रधान कृपा राम ने कहा कि देवेंद्र ने भगवान के प्रति अद्भुत आस्था और विश्वास दिखाया है. वह तमाम मुश्किलों के बाद भी हथेली पर दीए जलाए हुए हैं.
देवेंद्र के संकल्प के साथ उनका पूरा गाँव खड़ा है. उनकी इस आस्था को कायम रखने में पूरी मदद कर रहे हैं. देवेंद्र के इस प्रण को पूरा करवाने और उनकी मदद के लिए गाँव के लोग बारी-बारी से आते रहते हैं. गाँव वाले देवेंद्र के प्रण को पूरा होने के लिए दुआ मांग रहे हैं.Next…
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