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यहां घने जंगल में अंगारों से खेली जाती है होली

होली का जिक्र उठते ही शोले फिल्म का गब्बर याद आ जाता है. वैसे तो होली को याद रखने के लिए और भी बहुत से बहाने होंगे लेकिन गब्बर का वो डायलॉग, होली कब है, कब है होली, अपने आप में एक बड़ी फेमस चीज है. होली को याद रखने या उसका इंतजार करने का सबका अलग-अलग कारण होता है. किसी को रंगों से खेलने में मजा आता है तो कोई टेस्टी-टेस्टी खाना खाने के लिए होली का वेट करता है. किसी को दोस्तों-रिश्तेदारों से मिलने का बहाना मिल जाता है तो किसी को अपनी लव इंट्रेस्ट को रंग लगाने का. रंगों का यह खूबसूरत त्यौहार अपने आप में बहुत खास महत्व रखता है, ना सिर्फ भारत में बल्कि विश्व के अन्य देशों में भी होली या इससे मिलते-जुलते त्यौहारों को मनाया जाता है. चलिए आपको इसके नए-नए रूपों से भी परिचित करवाते हैं:



मिस्र: मिस्र के आदिवासी मार्च के तीसरे सप्ताह में होली खेलते हैं और वो भी अंगारों के साथ. होली के दिन आदिवासी घने जंगल में किसी एक स्थान पर होली जलाकर उसमें पूर्वजों के बाल तथा कपड़े जलाते हैं और अधजले होली के अंगारे एक-दूसरे पर फेंके जाते हैं.

fire dance


चीन की होली: रंगों के इस त्यौहार को चीन में ‘फो श्वेई चेय’ अर्थात पानी छपाका पर्व के नाम से मनाया जाता है. यह चीन में नए वर्ष के तौर पर मनाया जाता है और इस पर्व के उपलक्ष्य में चीन में 3 दिन की छुट्टियां रहती हैं. एक-दूसरे पर रंग और पानी डालकर चीनी लोग होली के इस रूप को एंजॉय करते हैं. ऐसी मान्यता है जिस व्यक्ति के ऊपर ज्यादा पानी गिरता है वह उतने ही आशीर्वाद का हकदार होता है.


आत्मा का रहस्य


होली का अमेरिकी रंग: ‘होबो’ यानि अमेरिका में मनाई जाने वाली यह होली हर साल 31 अक्टूबर को मनाई जाती है. गलियों में टोलियां लेकर लोग नाचते-गाते, हुड़दंग मचाते हैं और हैरानी की बात तो ये है कि जो लोग सबसे ज्यादा हल्ला और हुड़दंग करते हैं उन्हें ईनाम भी मिलता है.


holi 1


रोम की रेडिका: काफी समय पहले अप्रैल माह में पूरे एक सप्ताह तक चलने वाला रंगों का त्यौहार रोम में ‘साटर ने लिया’ के नाम से मनाया जाता था. जब रोम में दास प्रथा अपने चरम पर थी तब यह त्यौहार एक सुखद अनुभव साबित होता था क्योंकि इस दिन दास और दासियों को भी हंसी-मजाक करने की छूट मिलती थी और वह अपने मालिकों के साथ भी हंसने-बोलने के लिए स्वतंत्र थे. आज इसे मई महीने में ‘रेडिका’ के नाम से पूरे जोर-शोर से मनाया जाता है. इस अवसर पर लोग आतिशबाजी भी करते हैं.



म्यांमार का जलोत्सव: म्यांमार में होली मनाने का तरीका और इसका उद्देश्य थोड़ा अलग है, क्योंकि स्थानीय लोग इस दिन अपने द्वारा किए गए बुरे कार्यों का पश्चाताप भी करते हैं. इस दिन लोग पूजा-पाठ भी करते हैं और पिंजरे में बंद पक्षियों को भी आजाद करते हैं.

myanmar holi


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अफ्रीका: मार्च-अप्रैल माह के बीच मानाया जाने वाला यह त्यौहार ‘ओमेन बोगा’ के रूप में मनाया जाता है, जिसका स्वरूप भारत की होली से काफी मिलता-जुलता है. इस दिन अफ्रीकी लोग ‘बोंगा’ नामक अत्याचारी राजा का पुतला जलाते हैं तथा एक-दूसरे पर रंग डालते हैं.


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