लेबनान में सरकार ने सेना के लिए एक ऐसा विशाल स्मारक तैयार किया है जो अपने आप में बेहद प्रेरणा देने वाला है. यह स्मारक एक संग्रहालय है जो पुराने लेबनानी सेना की याद में बनाई गई है. इसमें सेना के पुराने हथियारों और टैंक को लगाया गया है जिसे तबाही मचाने वाले हथियारों के तौर पर भी जाना जाता है. इस स्मारक का नाम ‘शांति का स्मारक’ रखा गया है. म्यूजियम में टैंक के अतिरिक्त सैन्य वाहन आदि हैं. 30 मीटर ऊंचे स्ट्रक्चर में 78 टैंक और अन्य वाहन है . यह 5,000 टन भव्य स्मारक है. आप तस्वीरों में भी इन्हेंं देख सकते हैंं.
स्मारक को तैयार किया था. जिसका टाइटल ‘होप फॉर पीस’ है. उन्होंने यह प्रस्ताव इजरायल को दिया था लेकिन उन्होंंने गंभीरता नहीं दिखाई. न्यूयॉर्क टाइम्स का कहना है कि, संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन खर्चा बहुत था इसलिए उन्होंने ने मना कर दिया.
लेबनान की सरकार ने इस प्रस्ताव को अपनाया और सेना के 50वीं वर्षगांठ पर इसका अनावरण किया. 1990 में 15 साल की लेबनान के गृहयुद्ध के अंत के बाद, वहां की सरकार ने खुद को मिलिट्री का सबसे बड़ा हार्डवेयर माना. प्रत्येक बंदूक और टैंक तथा तोपखाने को फिर से जीवंत किया और जंग लगे हथियारों को पेंट किया गया.
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यह मूर्ति शांति के लिए एक आशा व्यक्त करता है. अनावरण के दौरान बताया गया कि यह काम 1975 से 1990 के युद्ध वाली स्थिति के अंत का प्रतीक है. यह उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो आज भी जंग को जायज मानते हैंं. इसे देखकर लगता है कि लेबनान ने बहुत कुछ झेला है. इसलिए अब लेबनान शांति और दोस्ती चाहता है… Next
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